प्रमोद निर्मल, मानपुर। राजनांदगांव जिले के मानपुर इलाके में गणतंत्र दिवस की रात तथाकथित पुलिस मुखबिरों पर नक्सलियों का कहर बरपा है. माओवादियों ने यहां एक ही थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग गांवों के दो ग्रामीणों की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद लाशों के पास पर्चे फेंककर हत्या का कारण पुलिस की तथाकथित मुखबीरी को बताया है. घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है.

दो ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट

कामखेड़ा में हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद लाल सेना ने कुछ दूरी पर मौजूद ग्राम मुरारपानी का रुख किया. दो घंटे बाद करीब साढ़े 9 बजे नक्सलियों ने 40 वर्षीय ग्रामीण धनसाय घावड़े को भी उसके घर से बुलाकर गांव से करीब 50 मीटर बाहर उसे ले जाकर निर्मम हत्या कर दी. उसके जंगल का सहारा लेकर फरार हो गए.

स्कूल के पास हत्या कर फेंक दी लाश

घटना की जानकारी के बाद जब हमने दोनों मौका-ए-वारदात पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की, तो पता चला कि 25 जनवरी की रात करीब साढ़े सात के मध्य हथियारबंद सशस्त्र माओवादियों का जत्था कोहका थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कामखेड़ा पहुंचा. यहां पहुंचे माओवादियों ने स्थानीय महिला सरपंच के ससुर करीब 60 वर्षीय इंदलशाय को उसके घर से बुलाकर उसे गांव के मध्य स्थित प्राथमिक शाला भवन के पास ले गए. लाठी-डंडे से उसे पीटते हुए उसके सिर के पीछे निचले हिस्से को धारदार हथियार से गोद कर उसे मौत के घाट उतार दिया.

मुखबिर नहीं बनने की दी हिदायत

दोनों ही घटनास्थल में शव के पास माओवादियों ने बड़ी संख्या में पर्चे छोड़ रखे थे जिनमें हत्या का कारण पुलिस मुखबिरी को बताया गया है. वहीं आमजनों को मुखबिरी नहीं करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा भारत की कम्युनिष्ट पार्टी माओवादी के हवाले से जारी उक्त पर्चों में मुखबिरी पर कटाक्ष करते हुए आमजनों को मुखबिरी छोड़ स्वालंबन व आत्मसम्मान की जिंदगी जिओ, अपना गांव, अपनी जल, जंगल, जमीन मत छोड़ों समेत कई नक्सल आह्वानों का उल्लेख है.

खौफ के साये में ध्वजारोहण

कामखेड़ा गांव में ग्रामीण की स्कूल के सामने हत्या के बाद माओवादियों ने स्कूल परिसर और स्कूल के सामने सड़क में बड़ी संख्या में पर्चे चष्पा कर रखा था. दूसरे दिन यानी गणतंत्र दिवस के रोज सुबह आलम ऐसा था कि एक ओर स्कूल में नक्सल पर्चे ख़ौफ़ फैला रहे थे, वहीं दूसरी तरफ शाला में ध्वजारोहण की तैयारी चल रही थी. पुलिस यहां नहीं पहुंची न ही पर्चे हटाए गए. आखिरकार नक्सल पर्चो के बीच शाला में तिरंगा फहराया गया.

27 दिन में 4 लोग चढ़े कथित पुलिस मुखबिरी की भेंट

29 दिसंबर – मानपुर थाने से महज 4 किमी दूर टांगापानी गांव में एक युवक महेश कचलाम की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसके ऊपर भी नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था.

13 जनवरी- मानपुर थाने से ही करीब 4 किमी के ही दायरे में परदोनी में सरपंच के पति मैनू राम सलाम से नक्सलियों ने मारपीट की और फिर उसे अपने साथ गांव से बाहर ले गए. इसके बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी और शव को गांव के पास ही फेंक दिया था. मैनु राम पर भी मुखबिरी का लाल आरोप लगा था.

25 जनवरी- मानपुर ब्लॉक के ही काम खेड़ा गांव में महिला सरपंच के ससुर इंदल शाह मंडावी और पड़ोसी गांव मोरारपानी की उप सरपंच के पति धनसाय घावड़े को मार दिया और लाश फेंक गए. इन दोनों पर भी मुखबिरी का ही आरोप लगा.