ललित ठाकुर, राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. पुलिस ने आज 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन पुलिसकर्मी और एक महिला अभ्यार्थी शामिल हैं. आरोप है कि इन आरोपियों ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में अनुचित तरीके से इवेंट में नंबर बढ़ाने की साजिश रची थी.

सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान से खुलासा

लालबाग थाने में आरक्षक भर्ती संवर्ग में अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने को लेकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. इस मामल में कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर पूर्व में 4 पुलिसकर्मी समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था.

इसी मामले में विवेचना के दौरान अब पुलिस ने आरोपी आरक्षक विकास सिंह राजपूत (27 वर्ष), कार्तिक देशलहरे (43 वर्ष), सुन्दर लाल नेताम (46 वर्ष) और महिला अभ्यर्थी नेहा चंद्रवंशी (23 वर्ष) को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों का ताल्लुक विभिन्न क्षेत्रों से है, जिनमें मुंगेली, खैरागढ़, कबीरधाम और लालबाग शामिल हैं.

इस मामले में अब तक कुल 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें 7 पुलिसकर्मी, 2 हैदराबाद के टेक्निशियन और 2 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं.

आरक्षक के आत्महत्या के बाद मामला हुआ था उजागर

गौरतलब है कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ था जब पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर ने इस घोटाले को उजागर करते हुए आत्महत्या कर ली. आरक्षक अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को ग्राम रामपुर के पास फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. मृतक ने अपने हाथ में लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं.

आत्महत्या के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. आईजी ने एसआईटी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिसपर लगातार कार्रवाई जारी है.