राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी जंग शुरू हो चुकी है.राजनांदगांव क्षेत्र के चुनावी मुद्दे और जनता का मूड़ जानने स्वराज एक्सप्रेस की टीम जिला मुख्यालय राजनांदगांव पहुंच चुकी है. जिसका प्रसारण दिग्विजय स्टटेडियम राजनांदगांव से किया जायेगा. ‘सत्ता का संग्राम’ सिर्फ लल्लूराम डॉट कॉम व स्वराज एक्सप्रेस पर.
लोकसभा चुनाव को राजनीतिक गलियारों में इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और देश की दशा और दिशा बदलने वाला चुनाव बताया जा रहा है. इस चुनावी महासमर में जहां एक तरफ भाजपा नीत एनडीए है, तो दूसरी ओर कांग्रेस नीत यूपीए महागठबंधन के तौर पर सत्ता हासिल करने जोर आजमाइश कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से मौजूदा सांसद अभिषेक सिंह हैं. अभिषेक सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार अभिषेक सिंह ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 1999 के बाद से बीजेपी का कब्जा रहा है. राजनांदगांव में 2014 के लोकसभा चुनाव में 15 लाख 88 हज़ार से ज्यादा मतदाता थे. इनमें महिला मतदाताओं की तादाद 7 लाख 93 हज़ार से ज्यादा थी. यहां महिला मतदाता पुरुषों से अधिक है. वोट डालने में पुरुष मतदाता ही ज्यादा रहे. 6 लाख से अधिक पुरुष वोटरों ने वोट डाले, जबकि महिला वोटरों की तादाद 5 लाख 76 हज़ार से ज्यादा रही, मतदान का प्रतिशत 74 फीसदी था.
इस कार्यक्रम में सार्थक टीएमटी के साथ लल्लूराम डॉट कॉम की सहयोगी संस्था स्वराज एक्सप्रेस, आरती ग्रुप, आईएसबीएम यूनिवर्सिटी, जोफ स्पाइसेस, ट्रेवल पार्टनर व्यास ट्रेवल्स, हॉस्पिटल पार्टनर श्री बालाजी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, फायर सल्यूशन पार्टनर सेफ प्रो मीडिया पार्टनर हैं.
राजनांदगांव लोकसभा सीट में विधानसभा की 8 सीटें हैं। इनमें कांग्रेस ने 6 सीटों पर कब्जा कर लिया है। इनमें पंडरिया, कवर्धा, दोनागढ़, दोनागरगांव, खुज्जी और मोहल्ला-मानपुर शामिल हैं. 2019 में राजनांदगांव में वोटरों की तादाद में 1 लाख 69 हज़ार 405 की बढ़ोतरी हो चुकी है. ये नये वोटर महत्वपूर्ण साबित होंगे. हालांकि विगत चुनाव में हार-जीत का अंतर इससे कहीं ज्यादा था.
राजनांदगांव लोकसभा सीट से भाजपा ने संतोष पांडेय को उम्मीदवार बनाया है.पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के संतोष पांडेय करीबी माने जाते हैं ,संगठन के नेता हैं.बीजेपी के द्वितीय पंक्ति के नेताओं में संतोष पांडेय का नाम सबसे उफर है.संगठन में उच्च पदों तक काम किया है. वहीं संतोष पंडरिया से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.उन्हे भितरघात का खतरा भी है.
वहीं कांग्रेस से भोलाराम साहू मैदान में हैं. भोलाराम साहू कांग्रेस से विधायक रहे हैं,लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट कट गया था . तो वहीं राजनांदगांव से महिला उम्मीदवार रविता लकड़ा को बसपा ने लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है.
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