दिल्ली. पदमावत पर पूरे देश में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. संजय लीला भंसाली ने ये सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इस बार पदमावत पर उनको लेने के देने पड़ जाएंगे. अब भंसाली ने आखिरकार करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों को पदमावत देखने को न्यौता दिया है.
भंसाली ने राजपूत संगठनों को भेजे पत्र में लिखा है कि राजपूत संगठन मुद्दे से भटक गए हैं. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि फिल्म में रानी पद्मावती के सम्मान और गरिमा को बरकरार रखा गया है. जिन दृश्यों को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है वे दरअसल फिल्म का हिस्सा ही नहीं हैं. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि फिल्म देखने के बाद राजपूत समाज गर्व महसूस करेगा.
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि पदमावत की रिलीज डेट निश्चित होने के बाद उन्हें फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किए जाने से ये साफ हो गया है कि यह उनकी एक सुनियोजित चाल है. कालवी ने प्रधानमंत्री से फिल्म को प्रतिबंधित करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि फिल्म की रिलीज अगर नहीं रुकी तो 24 जनवरी को जौहर करने के लिए 1908 क्षत्रिय महिलाओं ने पंजीकरण कराया है. इस स्थिति में राजपूत समाज की महिलाएं जौहर करके अपनी जान देने से भी नहीं चूकेंगी.
महीनों तक विरोध का सामना करने के बाद आखिरकार फिल्म रिलीज करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है. गौरतलब है कि फिल्म के सेट पर करणी सेना ने तोड़फोड़ की थी औऱ काफी बवाल किया था. कालवी ने कहा कि राजस्थान औऱ गुजरात के फिल्म वितरकों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इन राज्यों में फिल्म रिलीज नहीं की जाएगी. कालवी ने उनके प्रति आभार जताते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर पदमावत रिलीज नहीं होने देंगे न ही वे संजय लीला भंसाली के किसी निवेदन पर विचार करेंगे.