नई दिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों ने 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर नारेबाजी की, जिसके बाद सभापति को यह कदम उठाना पड़ा। इससे पहले आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद के दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं की बैठक मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में हुई।
बैठक में 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने, लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग पर चर्चा हुई। संसदीय कार्य मंत्री के विपक्षी दल के नेताओं को निमंत्रण देने के विषय पर भी चर्चा हुई। नेताओं ने कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। बैठक के बाद विपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सरकार विपक्ष को विभाजित करने की साजिश कर रही है, लेकिन पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हैं। इसे सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।”
वह संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा विपक्षी दलों की सोमवार को बैठक बुलाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनके सांसदों को पिछले महीने शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था।
जोशी ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, माकपा को सदन के पहले दिन से जारी गतिरोध को खत्म करने का आह्वान किया था।
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सुझाव दिया था कि दोनों पक्षों को इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए क्योंकि इस सप्ताह सदन ठीक से काम नहीं कर सका।
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निलंबित सांसदों से माफी की मांग करते हुए सदन के नेता पीयूष गोयल ने आरोप लगाया था कि मार्शलों पर हमला करने और महिला मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार करने के बाद भी वरिष्ठ विपक्षी सदस्यों में पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, “सरकार उनके अनुरोध पर विचार करने के लिए तैयार है बशर्ते वे माफी मांगें।”