रायपुर. कांग्रेस के बाद अब राज्यसभा के लिए जोगी कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है. दिल्ली से कांग्रेस हाईकमान द्वारा छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों पर राजीव शुक्ला (उत्तरप्रदेश) और रंजीत रंजन (बिहार) को प्रत्याशी बनाये जाने के विरोध में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पूर्व विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. हरिदास भारद्वाज को राज्यसभा के लिये अपना प्रत्याशी बनाया है. डॉ हरिदास भारद्वाज ने आज जनता कांग्रेस के तीनों विधायक रेणु जोगी, धरमजीत सिंह एवं प्रमोद शर्मा की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया.

राज्यसभा नामांकन के लिए विधानसभा में दल के विधायक संख्या का 10% प्रस्तावक होना अनिवार्य है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीनों विधायकों ने डॉ हरिदास भारद्वाज के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए और नामांकन के दौरान उपस्थित रहे. इस अवसर पर जेसीसी(जे) के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष तथा लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों में से किसी को भी राज्यसभा भेजती तो हमे उसमें कोई आपत्ति नहीं थी, ये उनका आतंरिक विशेषाधिकार है, लेकिन इस तरह कांग्रेस हाईकमान द्वारा दिल्ली में दरबार लगाकर दो बाहरी प्रत्याशियों को थोप देना, स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की गरिमा और तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की योग्यता का अपमान है.

आगे उन्होंने कहा, इसके पहले भी केटीएस तुलसी को कांग्रेस ने राज्यसभा में भेज दिया था. इस तरह बाहरी लोगों को बार-बार थोपकर राज्यसभा में भेजने की परंपरा, छत्तीसगढ़ की अस्मिता को नीचा दिखाना है. आखिर अपनी कुर्सी बचाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कब तक छत्तीसगढ़ की अस्मिता का सौदा करेंगे? इसी राजनितिक कठपुतलीबाजी के चलते दिल्ली में बैठे हाईकमान की हिम्मत बढ़ रही है और छत्तीसगढ़ का मान गिर रहा है. हमारी लड़ाई नैतिकता पर आधारित है.ये दिल्ली के हाईकमान बनाम छत्तीसगढ़वासियों के मान की लड़ाई है. दोनों राष्ट्रीय दलों और बसपा के विधायकों से निवेदन करते हैं कि वो अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनें और थोपे गए दोनों बाहरी प्रत्याशियों को राज्यसभा जाने से रोकें.

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जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के राज्यसभा प्रत्याशी डॉ हरिदास भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि, मैं हार-जीत के लिए या किसी राजनीति के लिए नहीं बल्कि, मैं छत्तीसगढ़ के मानसम्मान को बचाने के लिए अपना नामांकन दाखिल कर रहा हूं. हमारी लड़ाई उस दिल्ली दरबारी सोच के विरुद्ध है. जो सोचते हैं कि, छत्तीसगढ़ और भोले छत्तीसगढ़वासियों के साथ कितना भी अन्याय कर लो, वो मुंह नहीं खोलेंगे और सिर झुकाके चुपचाप हर बात मानेंगे. बाहरी प्रत्याशियों को थोपना, छत्तीसगढ़वासियों की योग्यता का अपमान है और इसे चुपचाप स्वीकारना मेरे जमीर को गंवारा नहीं है. मैंने माननीय अजीत जोगी के आदर्शों से सीखा है, जीवन में कुर्सी से बड़ी खुद्दारी है और अपनी माटी के प्रति वफादारी है. जहां तक संख्या बल की बात है, कांग्रेस के पास तो केवल 71 कठपुतली विधायक हैं, मेरे साथ तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासी हैं और परम पूज्य बाबा गुरुघासीदास जी का आशीर्वाद है.