नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की सदन में आज तीखी नोकझोंक हुई. डेरेक की हरकतों को देखते हुए सभापति ने उन्हें पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया. हालांकि, बाद में सभापति ने स्पष्ट किया कि नियमत: निलंबन नहीं किया गया है, जिसकी वजह से उनके सदन में वापसी की राह खुल गई है.

मंगलवार को राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के निलंबन होने की वजह से मानो लग रहा था कि विपक्ष का दारोमदार टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने संभाल लिया है. वे हर बात पर अपनी सीट से खड़े होकर आपत्ति दर्ज करा रहे थे. सभापति के समझाने के बाद भी जब डेरेक की हरकत जारी रही तो उन्होंने उनका नाम लिया, जिसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल के प्रस्ताव पर सभापति ने उन्हें निलंबित कर दिया.

बहस एक पॉइंट ऑफ ऑर्डर से शुरू हुई थी. डेरेक ने कहा तो धनखड़ ने पूछा कि आपका पॉइंट ऑफ ऑर्डर क्या है? ब्रायन की आवाज तेज होती चली गई. उन्होंने कहा कि सर, हमें कम्युनिकेट करना है कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन वैसे नहीं, जैसा वे (सत्तापक्ष के लोग) चाहते हैं. इस पर सभापति नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि मैं सदस्यों से स्पष्ट कहना चाहता हूं कि अगर वे पॉइंट ऑफ ऑर्डर चाहते हैं, और खड़े होकर पॉइट ऑफ ऑर्डर नहीं देते हैं… उस पर भाषण देने लगते हैं. अगर आप सिर्फ स्पेस चाहते हैं तो यह ठीक नहीं है.

धनखड़ ने आगे पूछा कि मुझे बताइए कि किस रूल के तहत आप पॉइंट ऑफ ऑर्डर दे रहे हैं. इस पर डेरेन ने जवाब दिया, ‘रूल पेज 92 पर है… रूल 267 है. विपक्ष के नेता लगातार मणिपुर पर चर्चा के लिए कह रहे हैं. यह कहते हुए ब्रायन चीखने लगे. इसके बाद उन्हें सभापति ने सस्पेंड कर दिया.