Jagdeep Dhankhar On Shivraj Singh Chouhan: दो दिन पहले किसान आंदोलन के लेकर फटकार लगाने के बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने अब शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा कार्यवाही के दौरान ही शिवराज सिंह चौहान के तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें नया नाम दिया है। धनखड़ ने कहा कि जिसकी पहचान देश में लाड़ली बहनों के भैया के नाम से थी, अब वो किसान का लाड़ला भाई बन गया है। उनके इस तारीख वावे वीडियो को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सोशल मीडिया एक्स पर शेयर किया है।
दरअसल उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में किसानों के मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान से एक कार्यक्रम में सवाल पूछा था कि किसानों से वार्ता क्यों नहीं हो रही। वहीं धनखड़ ने गुरुवार को राज्यसभा में उस कार्यक्रम का जिक्र करते हुआ कहा, शिवराज सिंह चौहान अपने नाम की तरह ऊर्जावान हैं। मुझे उम्मीद है कि वे किसानों के लिए काम करेंगे।
धनखड़ ने कहा, मैं जब वहां गया था और आया तो शिवराज सिंह मेरे साथ थे। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि जिस आदमी की पहचान लाडले की तरह थी। वह किसानों का लाडला होगा। वे अपने नाम के अनुरूप ऊर्जावान मंत्री हैं। ये करके दिखाएंगे। इस दौरान धनखड़ ने कहा कि उन्होंने शिवराज सिंह चौहान का नामांकरण कर दिया ‘किसानों के लाडले’ के तौर पर।
राज्यसभा में उठा था किसानों का मुद्दा
राज्यसभा में शुक्रवार को किसानों का मुद्दा उठा था। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने किसानों के प्रदर्शन की बात की और पूछा कि सरकार की एमएसपी को लेकर क्या राय है। इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जवाब देने के लिए खड़े हुए। हालांकि उनके पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरे और कृषि मंत्री के बीच में बातचीत हुई। जयराम रमेश से मुझे उम्मीद थी कि वो कोई सवाल पूछेंगे। बड़ा अच्छा लगता कि एक बार भी स्थगन प्रस्ताव आता। उसके बाद धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को बोलने की अनुमति दी।
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एमएसपी पर क्या बोले शिवराज सिंह चौहान
वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्यसभा में सवालों के जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं आपके (सभापति के) माध्यम से सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की सभी उपज एमएसपी पर खरीदी जाएगी। यह मोदी सरकार है और मोदी की गारंटी को पूरा करने की गारंटी है।’ वह इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, ‘जब दूसरी तरफ के हमारे मित्र सत्ता में थे तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वे एम एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते, खासकर उपज की लागत से 50 फीसदी ज्यादा देने की बात। मेरे पास रिकॉर्ड है।’ चौहान ने अपने दावे के समर्थन में पूर्व कृषि राज्य मंत्री कांतिलाल भूरिया, कृषि मंत्री शरद पवार और के वी थॉमस का हवाला दिया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘एमएसपी तब दी जाती है जब कोई फसल एमएसपी से कम दरों पर बेची जाती है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों का कल्याण हमारी प्रतिबद्धता है। हमने एमएसपी बढ़ाने और एमएसपी पर फसल खरीदने का काम किया है।
एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री से पूछे थे तीखे सवाल
बता दें कि विगत मंगलवार (3 दिसंबर) को एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने सवाल किया था कि आखिरकार किसानों से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। इस दौरान मंच पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे। धनखड़ ने पूछा, ”कृषि मंत्री जी, हर पल आपके लिए महत्वपूर्ण है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं और भारत के संविधान के तहत दूसरे सबसे बड़े पद पर विराजमान व्यक्ति के रूप में मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कृपया मुझे बताइए, क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया। हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं। पिछले साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है, और समय जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ”कृषि मंत्री जी, मुझे तकलीफ हो रही है। मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई. आप कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं।
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