रायपुर। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने से पहले मरवाही विधायक अमित जोगी, सियाराम कौशिक और विधायक आर के राय ने एक शर्त रखी है. उन्होंने कहा कि हमने सोचा था कि दलित को टिकट दिया जाएगा, लेकिन न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस ने दलित को टिकट दिया. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों का दलित विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.

अमित जोगी ने कहा कि हमने तय किया था कि बीजेपी को किसी भी सूरत में वोट नहीं देंगे. इसलिए हमने घोषणा की थी कि हमारा वोट कांग्रेस के उम्मीदवार लेखराम साहू को जाएगा. उन्होंने कहा कि ‎हम वोट देते, इसके पहले यूपी से इम्पोर्ट किए गए प्रभारी पी एल पुनिया ने हमारे नेता अजीत जोगी को जयचंद कहकर उनका चरित्र हनन किया है. एमपी से इम्पोर्टेड सह प्रभारी ने नालायक कहकर अजीत जोगी का अपमान किया है.

 

उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस के नेता तीन दिन चुप नहीं रह सकते थे. वोटिंग होने तक का इंतजार नहीं कर सकते थे? अमित जोगी ने कहा कि ‎देश में अब कांग्रेस अप्रासंगिक हो गई है, बावजूद इसके हमने बीजेपी विरोधी होने की वजह से कांग्रेस को निःशर्त समर्थन देने का एलान किया था.

अमित जोगी ने कहा कि ‎आर के राय और सियाराम कौशिक ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक पी एल पुनिया सार्वजनिक माफी नहीं मांगेंगे, तब तक हम वोट नहीं डालेंगे. अगर कांग्रेस की ओर से माफी नहीं मांगी जाएगी, तो हम वोट का बहिष्कार करेंगे.