रायपुर. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरजेडी जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को बिहार से राज्यसभा भेजेगी. शरद यादव मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद थे लेकिन जेडीयू से अलग होने के बाद उन्हें बतौर सांसद अयोग्य घोषित कर दिया गया. हालांकि ये साफ नहीं है कि वे आरजेडी सांसद बनकर राज्यसभा जाएंगे या आरजेडी उन्हें सिर्फ समर्थन देगी.

शरद यादव और एक अन्य सांसद अली अनवर को उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू ने 4 दिसंबर को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. जेडीयू ने इस आधार पर उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था कि दोनों सदस्य निर्देशों का उल्लंघन कर पटना में विपक्षी दलों की रैली में शामिल हुए थे. यादव पिछले ही साल उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए थे और उनका कार्यकाल 2022 तक था. अनवर का कार्यकाल अगले साल के प्रारंभ तक था.

इस साल जुलाई में नीतीश ने बिहार में कांग्रेस-आरजेडी के साथ जेडीयू के महागठबंधन को तोड़कर बीजेपी के साथ बिहार में नए सिरे से सरकार का गठन किया था. शरद ने नीतीश के इस फैसले का खुलकर विरोध किया था. शरद ने दावा किया था कि उनकी अगुआई वाला जेडीयू धड़ा ही असली जेडीयू है और उन्होंने चुनाव आयोग के सामने जेडीयू के चुनाव चिह्न तीर पर अपना दावा किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने शरद गुट के दावे को खारिज कर दिया. बाद में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने का आदेश दिया. इस मामले में शरद यादव ने हाईकोर्ट की शरण ली थी लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.

शरद यादव इस समय गैर बीजेपी धड़े को मज़बूत करने के अभियान साझा विरासत में जुटे हुए हैं. पूर्व समाजवादी और लोहिया नेताओं की उनकी पैठ जबरदस्त है.