रायपुर। बीजेपी के लोग गलतफहमी में हैं कि उनकी सरकार है. मोदी सरकार को बड़ी कंपनियां चलाती हैं. बीजेपी के लोग हाउस अरेस्ट की स्थिति में हैं, उनको बोलने की आजादी नहीं है. यह बात किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए रायपुर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत से लल्लूराम डॉट कॉम ने विशेष चर्चा की. प्रस्तुत है टिकैत से बातचीत के अंश –

अनाज पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार नहीं

देश की मीडिया किसान, नौजवान, व्यापारी सबको बताना चाहती है कि आंदोलन किसी जाति का नहीं है, यह पूरे हिंदुस्तान का है, रोटी को बाजार की वस्तु बनने नहीं देंगे, अनाज पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार नहीं होने देंगे, भूख का दुनिया पर व्यापार नहीं होगा, हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है जो भी सरकारें उन कंपनियों के सपोर्ट से बनेगी उनके खिलाफ आंदोलन था है और रहेगा, जो भी सरकार कंपनी का समर्थन करेंगे, यह आंदोलन उन्ही के खिलाफ रहेगा.

बीजेपी को लोगों की गलतफहमी

बीजेपी के लोग गलतफहमी में है कि उनकी सरकार है, यहां मोदी सरकार है, मोदी सरकार को बड़ी कंपनियां चलाती है, बीजेपी के लोग हाउस अरेस्ट है उनको बोलने की आजादी नहीं है, यहां किसी पार्टी की सरकार नहीं है, आंदोलन का प्रभाव पूर्ण रूप से रहेगा, जनता उनको वोट नहीं देगी, लेकिन सरकारी गुंडागर्दी से वह जीतने का काम करेंगे, लोकतंत्र की हत्या उत्तर प्रदेश में देख सकते हैं.

किसानों की महापंचायत

शहर के कुछ लोगो से मिलेंगे, गांव में भी हम जाएंगे, फिजिकल सर्वे के आधार पर गांव के किसानों की क्या स्थिति है वो देखेंगे, ग्रामीणों से भी बात करने की कोशिश करेंगे.

धान खरीदी पर बोनस की राशि

केंद्र ने पहले ही कहा था कि अगर कोई धान के तय रेट से ज्यादा की खरीदी करेगा उसका चावल सेंट्रल पूल में नहीं लिया जाएगा, कोर्ट में एफिडेविट भी इन्होंने दिया था जो किसानों के खिलाफ था. बड़ी कंपनियां सरकार चला रही है, देश के सिस्टम पर उन्होंने कब्जा कर लिया.

‘निशाने पर मीडिया’

हम पूर्ण रूप से सरकार के शिकंजे में आ चुके हैं, अगला टारगेट प्रेस है अगर प्रेस को बचना है, तो हमारे साथ जनता की आवाज बन कर रहना होगा. प्रेस सरकार की परेशानी है प्रेस के कैमरा और कलम पर सरकार के बंदूक की नोक है.