नई दिल्‍ली। लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घरवालों से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव मिलने के लिए गए थे. जिसके बाद उन्हें एक महीने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित कर दिया गया है. अब इसे लेकर भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है. उन्होंने एक तरह से योगेंद्र यादव के निलंबन को सही ठहराने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि योगेंद्र यादव के मामले में कमेटी ने जो भी फैसला लिया है, वो तभी लिया होगा, जब उन्हें कुछ गलत लगा होगा.

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टिकैत ने कहा कि कमेटी में 40 लोग शामिल हैं और सबकी सहमति से कोई फैसला लिया जाता है. योगेंद्र यादव ने जो ट्वीट किया था, शायद उसको देखकर फैसला किया है. बता दें कि शुभम मिश्रा के परिवारवालों से मिलने की वजह से योगेंद्र यादव के खिलाफ पंजाब के किसान संगठन कार्रवाई की मांग कर रहे थे. यादव ने ट्वीट में लिखा था कि शहीद किसान श्रद्धांजलि सभा से वापसी में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए. परिवार ने हम पर गुस्सा नहीं किया, बस दुखी मन से सवाल पूछे, क्या हम किसान नहीं ? हमारे बेटे का क्या कसूर था ? आपके साथी ने एक्शन-रिएक्शन वाली बात क्यों कही ? उनके सवाल कान में गूंज रहे हैं.

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राकेश टिकैत ने सिंघु बॉर्डर हत्‍याकांड पर भी बयान दिया. उन्‍होंने कहा कि भाजपा वाले किसी को भी किसी का कपड़ा पहनाकर बवाल करवा सकते हैं. निहंग सरदार के कपड़े पहना दिए होंगे. सरकार कुछ भी करवा सकती है. टिकैत ने यूपी-गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटाने पर भी बयान दिया है. टिकैत के मुताबिक, यह पुलिस के बैरिकेड नहीं है बल्कि मोदी सरकार के हैं. बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर यूपी, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्‍यों के किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं.