पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. अपनी अनोखी परंपराओं और संस्कृति के लिए जाने जाने वाले बस्तर के दंतेवाड़ा में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. यहां मां दंतेश्वरी मंदिर में पिछले 600 वर्षो से एक अनोखी परंपरा चली आ रही है. रक्षाबंधन के एक दिन पहले यहां मंदिर के पुजारियों और सेवादारों द्वारा कच्चे सूत से बनी राखी माता को बांधी जाती है.
इस रस्म की अदायगी के लिए मंदिर के सेवादार कई दिनों से सूत कताई करते हैं और सूत कताई की प्रक्रिया पूरी होने पर उसे दंतेश्वरी मंदिर के पास स्थित नारायण मंदिर के तालाब में परंपरा मुताबिक धोया जाता है. इसके बाद फिर रक्षाबंधन के एक दिन पहले पूरे रीति रिवाजों के साथ बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी माई को बांधकर मंदिर में चढ़ाया जाता है.
एक दिन पहले मनाए जाते हैं हर त्योहार
मंदिर के पुजारियों के मुताबिक दंतेवाड़ा स्थित दंतेश्वरी मंदिर की ऐसी मान्यताएं हैं कि साल भर में जितने भी त्यौहार मनाए जाते हैं उस त्यौहार के एक दिन पूर्व दंतेश्वरी माई जी के मंदिर में उस त्यौहार को मनाया जाता है. फिर उसके बाद नगर वासी त्यौहार मनाते है. मंदिर के पुजारियों और सेवादारों के अनुसार यह सभी परम्पराएं लगभग 500-600 साल पूर्व से चली आ रही हैं. जिसकी संस्कृति और रीति रिवाज आज भी जीवित है और पुरानी परम्पराओ को यहां के निवासी आज भी मानते हैं.
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