Raksha Bandhan 2022: प्रतीक चौहान. रायपुर. भाई-बहनों के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल चतुर्दशी-पूर्णिमा के दिन 11 अगस्त को है. इस बार बहनें भाइयों को प्रदोष काल में रक्षा सूत्र बांध सकेंगी. रात 8:52 बजे तक भद्रा रहेगी और शास्त्रों के अनुसार भद्रा में राखी नहीं बांधी जा सकती है. ऐसे में बहनें भाइयों को रक्षा सूत्र रात 8:52 बजे के बाद ही बांध सकेंगी. पंचांगों के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 10:39 बजे से शुरू होगी. अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7:06 बजे तक पूर्णिमा रहेगी. पंडितों के मुताबिक 12 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त से कम समय रहने के कारण रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा और शास्त्रोक्त निर्णय के अनुसार राखी प्रदोष काल में ही बांधी जाएगी.
ज्योतिषविद् के मुताबिक इस बार रक्षाबंधन पर्व पर 11 अगस्त (Raksha Bandhan 2022: ) को भद्रा सुबह 10:39 से रात को 8:52 तक रहेगी. रक्षाबंधन में भद्रा पर कोई भी कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता. शास्त्रों में भद्रा को इस पर्व के लिए वर्जित बताया गया है. ऐसे में रक्षा सूत्र बांधने का श्रेष्ठ समय रात 8:53 से 9:15 बजे तक रहेगा. इसमें प्रदोष काल सहित श्रेष्ठ चौघड़िया भी विद्यामन रहेगा.
रक्षा बंधन का पौराणिक महत्व (Raksha Bandhan 2022:)
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने जब शिशुपाल का वध किया तो उनकी बाएं हाथ की अंगुली से खून बहने लगा. यह देखकर द्रौपदी बहुत दुखी हुई और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की अंगुली पर बांध दिया. तभी से रक्षा बंधन मनाने की परंपरा चली आ रही है.
पहले भगवान को फिर बांधे भाई को राखी
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई को राखी बांधने से पहले पूजा की थाली सजाती हैं. थाली में रोली, अक्षत, चंदन, दीपक, राखी और मिठाई आदि रखती हैं. ज्योतिर्विद पं. अरूणेश शर्मा का कहना है कि पहली राखी भगवान को समर्पित करनी चाहिए. इसके बाद ही भाई को राखी बांधें. भाई से अपनी रक्षा करने का वादा लेते हुए भाई की लंबी उम्र की कामना भी करें.
चर के चौघड़िये में भी बांध सकेंगी राखी
पं. शर्मा के अनुसार चर के चौघड़िये में भी बहनें भाइयों को राखी बांध सकेंगी. भद्रा के बाद चर का चौघड़िया रात 8:52 से 9:48 बजे तक रहेगा.