Raksha Bandhan 2023: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023) 30 और 31 अगस्त को है. यह पर्व हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. ज्योतिषियों की मानें तो अनजाने में महिलाएं ऐसी राखी खरीद लेती हैं, जो शास्त्र संगत नहीं रहती हैं. ये राखियां शुभ नहीं मानी जाती हैं. रक्षाबंधन का पर्व बेहद पवित्र होता है, ऐसे में राखी बांधते समय भी इसकी पवित्रता का बहनों को ध्यान रखना चाहिए.
- रक्षाबंधन के दिन सर्वप्रथम राखी भगवान श्री गणेश, शिव जी, हनुमान जी तथा कृष्ण जी को बांधना शुभ होता है. अत: इन्हें राखी बांधना न भूलें.
- रक्षा बंधन के दिन राखी बांधते समय शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें. राहुकाल या भद्राकाल में भूलकर भी भाई को राखी न बांधें.
- काले धागे की, टूटी-फूटी या खंडित राखी अपने भाई को न बांधें. ऐसी राखी बांधने से अशुभ फल मिलता है, ऐसी मान्यता है.
- प्लास्टिक तथा अशुद्ध चीजों से बनी एवं अशुभ चिह्नों वाली तथा भगवान की फोटोयुक्त राखी भूलकर भी न बांधें.
- भैया को राखी बांधते समय सिर ढंकना न भूलें. ध्यान रहे कि भाई और बहन दोनों का सिर ढंका हुआ हो.
- राखी बांधने वक्त राखी का मंत्र बोलना न भूलें. मंत्र- ‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’.
- अपने भाई को राखी बांधने के पूर्व तिलक करते समय रोली या चंदन लें, सिंदूर से तिलक ना करें. अक्षत खंडित न हो इसका भी ध्यान रखें.
- राखी बांधने वक्त भाई को मुख दक्षिण में ना हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें.
- भाई की आरती करते समय टूटा-फूटा दीपक न लें. बहन के आरती करने के पश्चात भाई थाली में दक्षिणा दिए बगैर अपनी जगह से ना उठे.
- राखी बंधवाने के पश्चात भाई अपनी बहन के पैर अवश्य छूएं. यदि भाई बड़ा है और बहन छोटी तो बहन को भाई के पैर छूना उचित रहता है.
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