सुशील सलाम, कांकेर. जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं हर कोई.‘ श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड की यह चौपाई बहुत विख्यात है. प्रभु श्रीराम के वनगमन के दौरान महर्षि अगस्त्य के आश्रम में आगमन हुआ, उसके ठीक पहले उन्होंने यह बात कही कि जिस पर प्रभु श्रीराम की कृपा होती है उस पर सम्पूर्ण जगत की कृपा हो जाती है. उक्त चौपाई को चरितार्थ करता एक प्रसंग सामने आया है.

जिले की जनपद पंचायत नरहरपुर के भगतसिंह वार्ड क्रमांक 05 में रहने वाली संतोषी दुर्गा को अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति की होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण मिला है. संतोषी इस आमंत्रण से इतनी भावविभोर हो गई कि उनकी आंखों से खुशियों का सैलाब उमड़ पड़ा. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कोटि-कोटि साधुवाद करते हुए कहा कि मॉर्च्युअरी में छोटी सी नौकरी करने वाली महिला को इतना बड़ा सम्मान मिला. वह अतिसौभाग्यशाली है, जहां बड़े-बड़ों को आमंत्रण नहीं मिला, वहीं उनको प्रभु श्रीरामलला का बुलावा आया.

उल्लेखनीय है कि श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने छत्तीसगढ़ के नागरिकों को भी निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है. कांकेर जिले के नरहरपुर निवासी संतोषी दुर्गा को भी श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष आमंत्रण मिलने पर भावुक होते हुए कहा कि भगवान श्री राम ने उंगली पड़कर मुझे अयोध्या बुलाया है. अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाली संतोषी दुर्गा के परिवार में उनके पति रविन्द्र दुर्गा सहित छह सदस्य हैं. दुर्गा अपने तीन बच्चे अभिषेक, योगेश्वरी और धानी सहित उनकी बहन बिंदू सिंदूर का भी पालन-पोषण वह स्वयं करती हैं.

काम से कभी नहीं किया गुरेज

पेशे से स्वीपर संतोषी दुर्गा (36 वर्ष) नरहरपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 20 साल में 700 से ज्यादा पोस्टमॉर्टम कर चुकी है. श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 06 जनवरी 2024 को संतोषी को जब निमंत्रण मिला तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्हें मिले आमंत्रण से पूरे नरहरपुर में खुशी का वातावरण है. स्थानीय लोगों ने भी संतोषी से भेंट कर उन्हें बधाई दी और सम्मानित किया.

सपने में भी नहीं सोचा था कि निमंत्रण मिलेगा

अयोध्या से न्यौता मिलने पर संतोषी ने कहा कि वह सपने में भी नहीं सोची थी कि रामलला की जन्मभूमि अयोध्या से बुलावा आएगा. भगवान श्रीराम की कृपा से आमंत्रण पत्र भेज कर बुलाया गया है, यह जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल होगा. पिछले जन्म में जरूर कुछ अच्छे कर्म रहे होंगे, जिसके प्रतिफल के रूप में भगवान श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य मिल रहा है. दर्शन कर क्षेत्रवासियों की खुशहाली और तरक्की की कामना करूंगी.

पिता की शराब की लत को छुड़ाने खुद शुरू किया काम

संतोषी दुर्गा ने शव विच्छेदन का काम अपनाने की कहानी कहते हुए बताया कि उनके पिता भी इसी स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में नौकरी करते थे. पोस्टमॉर्टम करते वक्त वह बदबू और शव की वीभत्सता से बचने शराब का सेवन करते थे, जिसके चलते उन्हें नशे की लत हो गई. उन्होंने बताया कि जब पिता से शराब छोड़ने की मनुहार करती तो उनके पिता सीधा-सपाट एक लाइन में जवाब दे देते- ‘शव का चीरफाड़ होशोहवास में कोई कर ही नहीं सकता. उसकी बदबू व सड़ांध झेलना हर किसी के बस की बात नहीं.‘ पिता की इस बात को गांठ बांधकर उन्होंने शर्त लगाई कि वह बिना नशापान किए शव का चीरफाड़ कर सकती हैं. यह बात सन् 2004 की है. तब से वह लगातार इस काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे रही हैं.