Ram Navami 2025: देशभर में आज रामनवमी का पर्व भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में रामनवमी की परंपराएं और पूजा विधियां भले ही अलग हों, पर भाव एक ही है… मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारना.

अयोध्या

भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में यह पर्व राजकीय उत्सव होता है. लाखों श्रद्धालु सरयू स्नान कर रामलला के दर्शन करते हैं. राम जन्म की लीला, भव्य झांकियां, शोभायात्राएं और कन्याभोज यहां की प्रमुख परंपराएं हैं.

बिहार (बक्सर और मिथिला)

बक्सर में राम के गुरुकुल जीवन की स्मृति में आयोजन होते हैं, जबकि मिथिला में सीता-राम विवाह की झलक देखने को मिलती है. झांकियों, कीर्तन और रामचरितमानस पाठ के साथ यह पर्व सांस्कृतिक रंग भी बिखेरता है.

मध्यप्रदेश (ओरछा)

यहां भगवान राम को “राजा राम” के रूप में पूजा जाता है. ओरछा का रामराज्य आज भी जीवंत प्रतीत होता है. रामनवमी पर विशेष राजकीय दरबार, भव्य आरती और शोभायात्रा का आयोजन होता है.

दक्षिण भारत

यहां रामनवमी को ‘राम कल्याणोत्सव’ के रूप में मनाया जाता है. मंदिरों में रामायण पाठ, प्रवचन, भजन संध्या और भगवान राम-सीता के विवाह की रस्में होती हैं.

महाराष्ट्र

रामनवमी नवरात्रि के अंतिम दिन आती है, इसलिए यहां शक्ति उपासना के साथ-साथ रामकथा, शंखध्वनि और भजन-पूजन का आयोजन होता है.