रोहतक। रोहतक जेल में लगी सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 10 साल कैद की सज़ा सुनाई है. ये सज़ा साध्वी से बलात्कार के मामले में सुनाई गई है. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जेल में अदालत लगी और जज जगदीप सिंह ने जेल से ही बलात्कार के दोषी को सजा सुनाई. जेल में अदालत लगाकर सजा सुनाने वाले जगदीप सिंह पहले जज हैं. इससे पहले जज जगदीप सिंह हेलीकाप्टर से रोहतक की जेल पहुंचे. गुरमीत जेल में कैदी में 1997 नंबर होंगे. सज़ा सुनते ही बाबा रोते-रोते ज़मीन पर बैठ गया.
सजा सुनाने से पहले जज ने दोनों पक्षों को 10-10 मिनट का समय दिया गया. पहले सीबीआई के वकील की ओर से अपना पक्ष रखा गया सीबीआई ने मुजरिम राम रहीम को अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की. उसके बाद राम रहीम के वकील ने न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखा. फिर जज जगदीप सिंह ने फैसला पढ़कर सुनाया.
शुक्रवार को पंचकूला में सुनवाई के बाद फैली हिंसा के मद्देनजर हिंसा फैलाने वालों को गोली मारने का आदेश दिया गया है. राम रहीम के समर्थकों द्वारा फैलाई गई हिंसा में 32 लोगों की मौत हो गई थी. इसे देखते हुए जेल में ही सज़ा सुनाने का फैसला किया गया. हाई सेक्योरिटी के बीच जज हैलीकॉप्टर से जेल पहुंचे और सज़ा सुनाई.
राम रहीम पर डेरा के ऊपर साध्वियों से बलात्कार करने का आरोप लगा था. 15 साल पुराने इस मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को दोषी ठहराया था. जिसके बाद कोर्ट से बाबा रोहतक के जेल में बंद हैं.
हाथ जोड़कर मांगा रहम की भीख
रोहतक जेल में सजा से पहले सीबीआई और उनके वकील के बहस के बीच बलात्कारी बाबा राम रहीम रो पड़ा और न्यायालय से हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगने लगा. राम रहीम ने कहा कि मुझ से गल्ती हो गई है मुझे माफ कर दीजिए, मुझ पर रहम कीजिए.
सीबीआई के वकीलों ने मुजरिम राम रहीम को उम्र कैद दिए जाने की मांग की वहीं बचाव पक्ष के वकीलों ने बलात्कारी बाबा राम रहीम के समाजसेवी होने की दलील दी, वकीलों ने कहा कि राम रहीम रक्तदान की मुहिम चलाता था वह कई तरह के सामाजिक कार्यों के साथ ही लोगों की भलाई का भी कार्य करता है, इस वजह से उस पर नरमी किया जाए. इसके साथ ही बाबा के वकीलों ने जेल बदलने की भी मांग की.