रायपुर। 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन चल रहा था. लेकिन इसी दिन एक और पूजा राजस्थान के बाड़मेर में चल रही थी. ये पूजा मुस्लिम परिवारों के लिए आयोजित थी. बाड़मेर के पायला कला पंचायत के मोतीसरा गाँव में आयोजित इस पूजा में 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म को अपना लिया है. हिंदू धर्म को अपनाने वाले 50 परिवारों के करीब 250 लोग थे.
हिंदू धर्म को अपनाने वाले मुस्लिम परिवारों का कहना था कि उनके पूर्वज हिंदू ही थे. लेकिन मुगलकाल में उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बाध्य कर दिया गया. लेकिन पिछले कई वर्षों उनके परिवार के लोग हिंदू रीति-रिवाज के साथ ही जी रहे हैं. गाँव के हम सभी मुस्लिम परिवारों ने तय किया कि अब उन्हें हिंदू धर्म वापसी करनी है. लिहाज यज्ञ-हवन के पश्चात जनेऊ धारण कर हम सभी हिंदू धर्म को अपना लिया है.
मुस्लिम धर्म को छोड़ हिंदू धर्म अपनाने वाले बुजुर्ग सुभनराम का कहना है कि मुगलकाल में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था, लेकिन हम हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे. मुस्लिम हमसे दूरी रखते हैं. उन्होंने कहा कि इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस चीज के ऊपर गौर किया कि हम हिंदू हैं और हमें वापस हिंदू धर्म में जाना चाहिए. हमारे रीति रिवाज पूरी तरह हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं. इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई और फिर घर पर हवन यज्ञ कराकर जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली.
वहीं हरजीराम का कहना है कि कंचन ढाढ़ी जाति से ताल्लुक रखने वाला परिवार पिछले कई सालों से हिंदू रीति रिवाजों का पालन कर रहा था. वह हर वर्ष अपने घरों में हिंदू त्योहारों को ही मनाते हैं. बुधवार को राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के शिलान्यास के समारोह पर सभी ने हवन पूजा पाठ का कार्यक्रम रखा और हिंदू संस्कृति का पालन करते हुए हमने अपनी स्वेच्छा से वापस घर वापसी की है. हमारे ऊपर कोई दबाव वगैरह नहीं है.
गाँव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी का कहना है कि जिन लोगों ने हिंदू धर्म को अपनाया है उन पर किसी भी तरह से कोई दबाव नहीं था. सभी ने अपनी मर्जी के अनुसार निर्णय लिया है. गाँव के लोगों ने उनके फैसले का सम्मान किया है. कार्यक्रम में बाड़मेर के आस-पास के दर्जनों हिंदू धर्म के महराज शामिल थे.