इस्लाम का पवित्र महीना रमजान (ramadan 2023 india) भारत में कल यानी शुक्रवार (24 मार्च) से शुरू हो रहा है. राजधानी रायपुर में रमजान का दीदार हो गया है. इस्लाम के मानने वाले लोग कल से रोजा रखेंगे. रमजान (ramadan) में तरावीह पढ़ने का भी काफी महत्व होता है. तरावीह आज गुरुवार से सभी मस्जिदों और खानकाहों में शुरू हो जाएगी.
रमजान (ramadan india) में लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा यानी उपवास रखते हैं. रोजा शुरु करने से पहले सेहरी (Sehri) की जाती है और रोजा खोलने के लिए इफ्तार (Iftar) किया जाता है. रमजान के पहले 10 दिन का रोजा रहमत, दूसरे 10 दिन का रोजा बरकत और आखिर 10 दिन का रोजा मगफिरत कहलाता है. रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद (Eid) का त्योहार मनाया जाता है. इस्लाम में शुक्रवार यानी जुमा बड़ा दिन होता है और इस दिन का काफी महत्व होता है. रमजान में इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. इस बार रमजान के दौरान पांच जुमा (शुक्रवार) पड़ेंगे.
रोजे का महत्व और कायदा
रमजान (ramadan) में रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सेहरी की जाती है. सेहरी में दूध, फल या अन्न से बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है. सेहरी के बाद एक दुआ पढ़ी जाती है, जिसके बाद से रोजा शुरू हो जाता है. रोजा शुरू होने के बाद सूर्य ढलने तक रोजेदार को एक बूंद पानी की भी इजाजत नहीं होती है. रोजा रखने के दौरान रोजेदार दिनभर भूखे-प्यासे रहकर अपनी इच्छाओं पर काबू पाता है. रोजा गरीबों, यतीमों, जरूरतमंदों के दुख-दर्द और भूख प्यास का अहसास करता है. रोजे की हालत में इंसान झूठ, चोरी, चुगली, धोखेबाजी, अत्याचार जैसी सामाजिक बुराइयों से बचता है. शाम के समय यानी मगरिब की नमाज से ठीक पहले इफ्तार (रोजा) खोला जाता है.
रमजान में क्या करें
- रमजान के महीने में रोजाना नमाज अदा करना अनिवार्य है. इसके लिए रोजे रखने के साथ-साथ रोजाना पांचों वक़्त की नमाज अदा करें.
- रोजा रखने के दौरान वक्त पर सहरी और समय पर इफ्तार करें।
- खुदा की ज्यादा से ज्यादा इबादत करें.
- सहरी और इफ्तार के लिए खाने पीने की चीजों का दान करें.
- रमजान के महीने में जकात और फितरा जरूर निकालें और उसे जरूर मदों को दान करें. इस्लाम में दान को जकात कहते हैं. रोजे रखने के दौरान अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा जरूर दान करें. जथा शक्ति तथा भक्ति भाव से जरूरतमंदों को दान दें. उन्हें इफ्तार में खाना खिलाएं.
- अगर आपके पास पर्याप्त समय रहता है, तो रोजे रखने के दौरान कुरान पढ़ें.
रमजान में क्या न करें
- रमजान का महीना गुनाहों से तौबा करने का महीना है, गलत कामों में मुबतला न हों.
- किसी भी व्यक्ति के प्रति क्रोध (गुस्सा) की भावना न रखें.
- दिनभर उपवास रखें. मगरिब की अजान से पहले कुछ भी न खाएं.
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