रायपुर। राजधानी के रामकृष्ण केयर अस्पताल में आईसीयू में भर्ती एक महिला को कोरोना संदिग्ध मानते हुए अस्पताल से निकाले जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपनी सफाई दी है. अस्पताल प्रबंधन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि महिला अस्पताल के डॉक्टरों के बगैर सलाह के अस्पताल से छुट्टी ले ली थी.
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 17 मार्च, 2020 को रायपुर में रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल्स की आपातकालीन इकाई मे आने वाली 37 वर्षीय महिला रोगी कौसर जहां, जिसे बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी. उसने अपने परिजनों की जिद की वजह से चिकित्सक की सलाह के बिना अस्पताल से छुट्टी (लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज – लामा) ले ली थी.
मरीज को अपराह्न 3.30 बजे आपातकालीन विभाग में लाया गया और उसे चिकित्सकीय सलाह के साथ उपचार दिया गया, इसके बाद उसे एक आइसोलेशन रूम में शिफ्ट कर दिया गया, जहाँ मरीज को संभालने के दौरान इंटुबेशन और मैकेनिकल वेंटिलेशन की तेजी से फैलने वाली प्रक्रिया में मेडिकल टीम के लिए अधिकतम जोखिम था.
इस अवधि के दौरान उसे रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल्स (आरकेसीएच) में पांच घंटे तक अलग-थलग रखा गया, मरीज को देखन वाले स्वास्थ्य पेशेवरों ने पूरे पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण) प्रोटोकॉल का पालन किया. रोगी को लगातार जरूरी उपचार दिया गया, जो उसकी स्थिति को स्थिर बनाए रखने करने के लिए आवश्यक था और यह उपचार आइसोलेशन रूम में ही शुरू कर दिया गया था. इसी दौरान रात 9.30 बजे मरीज ने रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल्स को छोड़ने और पूर्ववर्ती अस्पताल में शिफ्ट होने का फैसला किया. अस्पताल छोड़ने की स्थिति में मरीज के जीवन के लिए जोखिम होने की सलाह देने के बावजूद रोगी ने चिकित्सक की सलाह के बिना अस्पताल से छुट्टी (लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज – लामा) ले ली.
इस बारे में नोडल एजेंसी – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को तुरंत ही इस मामले की सूचना दी गई. रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल्स में रहने के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधिकृत सरकारी अधिकारियों द्वारा रोगी के गल से ‘स्वाब’ (गले और नाक से स्राव से नमूने) लिया गया था, जिसे आगे की जांच के लिए अधिकृत स्टेट टेस्टिंग सेंटर में भेजा गया था और इन नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल्स में आइसोलेशन रूम में रखे गए दो और रोगियों का परीक्षण किया गया और उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है.