रायपुर। छत्तीसगढ़ में 16 मई को वो होने जा रहा है जो अब तक नहीं हुआ. 14 साल में पहली बार मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल उनसे किसी विषय पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करेंगे. भूपेश छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के सबसे मुखर राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं. उनके विरोध का आलम ये है कि आज तक उन्होंने मंच साझा नहीं किया. विधानसभा में भी वे कभी रमन सिंह से औपचारिक मुलाकात करने नहीं पहुंचे. तो फिर क्या वजह है कि भूपेश सीएम रमन सिंह से मिलने उनके बंगले जा रहे हैं. भूपेश बघेल कहते हैं कि वे किसानों को ज़मीन दिलाने के लिए उनके साथ रमन सिंह से मिलने जा रहे हैं

मुलाकात के राजनीतिक मायने?

इस मुलाकात के बाद लोगों के जेहन में यही सवाल है कि क्या भूपेश बघेल झुक गए या फिर ये कोई नई राजनीतिक चाल है. चर्चा दोनों बात की है. भूपेश विरोधी नेता कह रहे हैं कि जिस तरीके से सरकार ने भूपेश को जमीन के मुद्दे पर छेक रखा है. उससे भूपेश घबरा गए हैं और उसी में रियायत की उम्मीद बांधे रमन सिंह से मिल रहे हैं. जबकि उनके समर्थकों की दलील है कि भूपेश की मुलाकात किसानों के साथ हो रही है अकेले नहीं. वे किसी के लिए अब तक नहीं मिले लेकिन किसानों के लिए रमन सिंह से मिल रहे हैं.

क्या कह रहे हैं विरोधी?

समर्थकों और विरोधियों से तटस्थ राजनीति के जानकार इसे भूपेश की नई चाल कह रहे हैं. जानकार बताते हैं कि जिस तरीके से भूपेश पिछले तीन दिनों से राज्य की राजनीति में अपने नई चाल से रोज़ चौंका रहे हैं लिहाज़ा वो मुलाकात में कुछ चौंकाना वाला काम फिर करके राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर सकते हैं. हांलाकि इस संभावना से वाकिफ मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी होंगे और उनके पास इसकी कोई न कोई काट जरूर होगी जिसके बाद ही उन्होंने तत्काल भूपेश को मिलने का वक्त दिया है.

बहरहाल, कयासों और अटकलों के बीच सबको इंतज़ार 16 मई का है. तब देखने वाली बात होगी कि भूपेश बघेल और रमन सिंह की ये मुलाकात क्या गुल खिलाएगी.