नई दिल्ली.  एचटी लीडरशिप अवार्ड में बोलते हुए  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि उनका लक्ष्य रेड कॉरीडोर को ग्रीन कॉरीडोर में बदलना है. रमन सिंह ने कहा कि लोगों को लगता है कि रायपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही नक्सली हथियार लेकर खड़े रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्र में माइनिंग का काम कर रहे हैं. ये बात उन्होंने तब कही जब उनसे सवाल पूछा गया कि प्रदेश के जब 17 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं तो वे कैसे निवेशकों को विश्वास में लेंगे.

रमन सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरगुजा से नक्सलवाद खत्म हो चुका है. नक्सलवाद केवल बस्तर के दो-तीन जिलों तक सिमटा है जिसे जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा. रमन सिंह ने कहा कि लोगों को लगता है कि वहां हर जगह नक्सलवाद है. लेकिन ऐसा नहीं है. सरकार रेड कॉरीडोर को ग्रीन कॉरीडोर में बदल देगी. उन्होंने कहा कि बस्तर के नगरनार में 60 साल से माइनिंग हो रही है.

रमन सिंह ने सरकार द्वार किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी. अपनी बहू की डिलिवरी सरकारी अस्पताल में कराने के फैसले पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के सरकारी अस्पतालों पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि उनके पिता का इलाज जिला अस्पताल में हुआ था और उनकी खुद की हड्डी जब टूटी थी तो वे सरकारी अस्पताल गए थे. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं हैं.

राज्य के विकास पर बोलते हुए रमन सिंह ने कहा कि 150 साल में जिनता रेलवे ट्रेक बिछा उससे ज़्यादा अगले दस साल में बिछ जाएगा. पूरे प्रदेश में 800 केबल लाइन बिछाकर जोड़ने का काम चल रहा है. प्रदेश में 50 लाख लोगोें को स्मार्ट फोन बांटा जा रहा है जिससे कनेक्टिविटी दूर-दराज के इलाकों में पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि प्रदेश में 35 लाख लोगों के रसोई गैस इस्तेमाल करने से 2 करोड़ पेड़ कटने से बच जाएंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर परिवार को 50हज़ार तक के इलाज की सुविधा स्मार्ट कार्ड से हासिल है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग अमीर धरती के गरीब लोग हैं जिसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. इसे दूर करने में केंद्र से मिलने वाले लाभांश का प्रतिशत बढ़ाने को उन्होंने बड़ी वजह बताया.