रायपुर-  ई-टेंडर घोटाला मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराए जाने के भूपेश सरकार के फैसले पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा है कि अब क्या हर चीज में जांच की जिम्मेदारी आप ईओडब्ल्यू को देंगे? दरअसल कैग ने अपनी आडिट रिपोर्ट के जरिए यह खुलासा किया था कि राज्य शासन की एजेंसी चिप्स के जरिए हुई ई टेंडर की प्रक्रिया में जमकर गड़बड़ी की गई है. टेंडर के नियमों को ताक पर रखते हुए जिस कंप्यूटर से टेंडर अपलोड किए गए, उससे ही ठेकेदारों ने न केवल भरे बल्कि अधिकारियों ने मंजूरी भी दे दी. इस तरह से अलग-अलग टेंडर के जरिए साढ़े चार हजार करोड़ रूपए से अधिक राशि की अनियमितता की गई. 
 
कैग ने अपनी रिपोर्ट में इस अनियमितता की जांच कराए जाने की अनुशंसा की थी. इस अनुशंसा के बाद ही राज्य शासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू को जांच का जिम्मा सौंप दिया. पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने इस पूरे मामले में यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि कैग की रिपोर्ट विधानसभा की लोक लेखा समिति(पीएसी) को जाती है, जहां इसका परीक्षण किया जाता है. विधानसभा में यह वित्तीय मामलों की सबसे बड़ी समिति है. इस समिति में पक्ष-विपक्ष के विधायक सदस्य होते हैं. पीएसी परीक्षण के बाद कार्रवाई के लिए अपनी अनुशंसा देती है. रमन सिंह ने कहा कि जब आडिट रिपोर्ट परीक्षण के लिए पीएसी को जाने का नियम है ही, तो ऐसे में ईओडब्ल्यू को जांच का जिम्मा सौंपे जाने का क्या औचित्य.