रायपुर। ईडी-आईटी (ED-IT) की कार्रवाई को लेकर सीएम भूपेश बघेल लगातार जांच ऐजेंसियों की कार्यपद्धति पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा था कि भारत की जांच एजेंसियां छत्तीसगढ़ आए स्वागत है. लेकिन किसी को परेशान करने की नीयत से कार्रवाई न करें. व्यापारियों की ओर से ऐसी बातें कही जा रही है. एजेंसियां अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें. उन्होंने कहा था कि सेंट्रल एजेंसियां अपने उद्देश्यों से भटक गई हैं. चिटफंड मामले में ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है? सेंट्रल एजेंसियां रिमोट की तरह काम कर रही हैं.

मुख्यमंत्री के इस बयान पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि आज शानदार बयान पेपर में पढ़ने को मिला, आईटी और ईडी को कोई मुख्यमंत्री धमकी भरे शब्द बोल रहा है. इसका मतलब यह है कि डर क्यों रहे हो भाई? रमन ने कहा कि देश के किसी सीएम ने आज तक ऐसा बयान नहीं दिया होगा कि ईडी और आईटी आएंगे तो उनसे निपट लिया जाएगा. यह अपने भय से ग्रसित हैं. छत्तीसगढ़ में कहते हैं ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’.

देश भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा- साव

वहीं प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राह पर चल रहे हैं और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के लिए राज्य में केंद्रीय एजेंसियों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. आखिर किस बात का डर है? पिछले दिनों जहां-जहां इस प्रकार की छापेमारी कार्रवाई हुई बड़ी मात्रा में नोटों के ढेर, अचल संपत्ति, जेवरात बरामद किए गए. देश भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ रहा है. भूपेश बघेल सदैव क्यों इसमें एक बाधा बनने का प्रयास करते हैं.

संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहे भूपेश- साव

साव ने कहा कि जो गलत नहीं करता वह कभी डरता नहीं है और बार-बार धमकी-चमकी वही देते हैं जिन्होंने कुछ गलत किया होता है और उन्हें अपने किए का पर्दाफाश होने का भय सता रहा हो. कांग्रेस पार्टी भी इसी भय से गुजर रही है और हर दिन ED आएगा, IT आएगा तो कार्रवाई करेंगे ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. साव ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि व्यापारियों को डराया धमकाया है इसकी शिकायत मिल रही है. उसे सार्वजनिक करना चाहिए जिससे जनता को समझ में आए कि मुख्यमंत्री किसके लिए बेटिंग कर रहे हैं, किसे बचाना चाहते है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान पूरी तरीके से संघीय ढांचे का उल्लंघन है और ये उल्लंघन बार-बार करने पर उन्हें अब इस्तीफा दे देना चाहिए.

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