रायपुर। जशपुर जिले में पूजा स्थलों से गायब हो रहीं मूर्तियों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसी बड़े षड्यंत्र की आशंका जताते हुए प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट से मिली नोटिस को गंभीरता से लेने पर जोर दिया है. उन्होंने इसे आदिवासी परंपरा और हिन्दुत्व के प्रति आदिवासियों के विश्वास को तोड़ने की साजिश करार दिया है.

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर प्रदेश सरकार एक तरफ केवल सियासी नौटंकी कर रही है और दूसरी तरफ आदिवासियों के आराध्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ पूजास्थलों व मंदिरों से राज्य शासन का आदेश कहकर उठवाई जा रही हैं! जब मूर्तियों को ले जाने का विरोध हुआ तो लगभग आधा दर्ज़न गाँवों से मूर्तियों की चोरी की गई, जिसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. प्रदेश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आख़िर ये मूर्तियाँ कहाँ हैं. उन्होंने इसे न केवल आदिवासियों की आस्था पर चोट पहुँचाने का षड्यंत्र अपितु हिन्दुत्व के प्रति कांग्रेस सरकार के दुराग्रह का परिचायक भी बताया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हिन्दुत्व विरोधी पिता नंदकुमार बघेल के बिलासपुर, रायगढ़, सरगुजा दौरे और लगातार वायरल हुए वीडियो संदेशों के बाद मूर्तियां उठाए जाने की बढ़ी घटनाओं पर भी डॉ. सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि रायगढ़ और जशपुर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ काफी सक्रिय हैं और आदिवासियों के धर्मांतरण की शिकायतों के मद्देनज़र उनकी भूमिका संदेह के दायरे में मानी जाती रही हैं.

डॉ. सिंह ने कहा कि यदि राज्य शासन के आदेश पर यो मूर्तियाँ उठाई जा रही हैं तो यह न केवल आदिवासियों को उनकी संस्कृति व धार्मिक आस्था से विमुख करने का कृत्य है, बल्कि हिन्दुत्व की व्यापक सांस्कृतिक अवधारणा को अपने दुराग्रहों के चलते ख़त्म करने का गहरा साजिशाना कृत्य है. इस मामले में हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने कहा है.

डॉ. सिंह के मुताबिक़ ज़िले के तमाम आदिवासी पूजास्थलों व मंदिरों में ज़िला पंचायत के सीईओ व तहसीलदार दस्ते लेकर जा रहे हैं, और यह कहकर मूर्तियाँ उठवा रहे हैं कि इन्हें पुरातत्व संग्रहालय में रखा जाएगा, जबकि पुरातत्व एक्ट के मुताबिक़ परंपरा अनुसार पूजन के लिए रखी मूर्तियों को वहाँ से नहीं हटाया जा सकता. डॉ. सिंह ने मांग की कि उठवाई गई और चोरी गई मूर्तियों का पता लगाकर उन्हें वापस उनके पूजन स्थल पर ही संरक्षित किया जाए.