रायपुर। कोरोना टीकाकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित राज्य अपनी हर असफलता का ठीकरा केन्द्र पर थोप रहे हैं. असल में कोरोना संक्रमण रोकने, अस्पतालों की व्यवस्था करने यहां तक वैक्सीनेशन कार्यक्रम में भी यह राज्य बुरी तरह से असफल हुए हैं. उन्होंने कहा कि देश में वैक्सीन बर्बाद करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रेस कांफ्रेस के जरिए छत्तीसगढ़ के साथ-साथ तमाम कांग्रेस शासित राज्यों और कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों की अकर्मण्यता के कारण स्थिति दयनीय बनी. देश में अब तक 23 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. भारत में लोगों को वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम 2021 में ही दिसंबर के महीने तक समाप्त हो जाएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पहले कोरोना को लेकर भ्रम फैलाया अब वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाया जा रहा है. जब भारत मे निर्मित कोवैक्सीन आयी थी, तब  शशि थरूर, जयराम रमेश, टीएस सिंहदेव जैसे कांग्रेस नेताओं ने झूठ फैलाया. तब प्रधानमंत्री ने आगे आकर खुद कोवैक्सीन लगवाकर सभी सवालों पर पूर्ण विराम लगाया. कांग्रेस की इसी घटिया राजनीति के कारण आज कांग्रेस शासित राज्यों के अधिकतर गांवों में लोग वैक्सीन लगाने से डर रहे हैं.

वहीं उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वैक्सीन को लेकर कांग्रेस पार्टी के साथ राहुल गांधी का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है. 8 अप्रैल को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहते हैं कि वैक्सीन खरीदी और वितरण में राज्यों को अधिक हिस्सेदारी दी जानी चाहिए. अब जब केन्द्र ने राज्यों को जिम्मेदारी दे दी तो अब अब अपने बयान से कांग्रेस यू-टर्न लेते हुए बार-बार कह रही है कि केन्द्र सभी टीके खरीद कर राज्यों को दे. रही है. वैक्सीन की सबसे ज्यादा बर्बादी कांग्रेस शासित राज्यों में हुई है.

कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोलते हुए रमन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के मुफ्त टीका देने के बावजूद अब तक स्वास्थकर्मियों को 88 प्रतिशत को ही टीके लगवा पाई है. फ्रंटलाइन वर्कर की बात करें तो 86 प्रतिशत को ही अब तक पहली खुराक मिली है. 45 से अधिक आयु वालों के टीकाकरण में तो भूपेश सरकार का प्रबंधन और भी अधिक खराब है.

पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कथित तौर पर छत्तीसगढ़ में सीएम के ढाई-ढाई साल फॉर्मूले पर कहा कि कुछ न कुछ बात है तभी बात बार-बार ये बात बाहर निकल रही है. प्रश्न भी उन्हीं की ओर से ढाई साल का आता है, और खंडन भी वहीं करते हैं, कुछ न कुछ तो है.

4 जून तक उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अब तक केवल 65 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हुआ है, जबकि इनके लिए भी टीके केन्द्र सरकार ने मुफ्त उपलब्ध कराए हैं. छत्तीसगढ़ को जनवरी में केन्द्र से 6.3 लाख टीके मिले, लेकिन 70000 ही उपयोग किए गए. फरवरी में 10 लाख टीके मिले लेकिन 3.6 लाख ही उपयोग हुए. इसी तरह मार्च में 25 लाख टीकों में से केवल 15 लाख ही उपयोग में लाए गए. छत्तीसगढ़ की वैक्सीनेशन को लेकर इतनी दयनीय स्थिति है. केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को अब तक 89.55 लाख टीके प्रदान किए हैं.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन कार्यक्रम का तो और बुरा हाल है. पहले सरकार ने वैक्सीनेशन में रिजर्वेशन कर अमीर-गरीब में भेद पैदा किया. इस नीति का बुरा असर वैक्सीनेशन अभियान पर पड़ा. हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी भूपेश सरकार ने वैक्सीनेशन शुरू नहीं किया. अन्य राज्यों ने समय से टेंडर जारी कर एडवांस में वैक्सीन निर्माता कंपनियों को राशि दी, जिसके कारण उन्हें पर्याप्त वैक्सीन मिल रही है, लेकिन भूपेश सरकार की लापरवाही के कारण आज 18 से अधिक जिलों में वैक्सीनेशन बंद है. यह सरकार युवाओं को वैक्सीन तक नहीं दे पा रही है.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां वैक्सीन की चोरी हो जाती है, वैक्सीन की पूरी की पूरी खेप गायब हो जाती है. इतना ही नहीं अपात्रों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं का वैक्सीन लग जाती है, और पात्र लोग लाइन लगाए खड़े रहते हैं.  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का दोहरा चरित्र देखिए, भूपेश बघेल विधानसभा में कहते हैं कि प्रदेशवासियों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी और अब इनकी पार्टी के अध्यक्ष केन्द्र सरकार मांग कर रहे हैं.