रायपुर। विधानसभा में अनुपूरक अनुदान माँग पर चर्चा के दौरान डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में एक साथ बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी, गीता गंगा जल लेकर कसमें खाई, मुख्यमंत्री का एक ही बयान इसे समझने के लिए पर्याप्त है कि शराबबंदी कर देंगे तो लोग ड्रग्स के नशे की तरफ़ जाएंगे, जब घोषणा की थी, तब क्या इसका ख्याल नहीं आया था.
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पिछले साल की तुलना में राज्य के कर राजस्व में 19 फ़ीसदी की गिरावट आई है. कोविड 19 को लेकर गम्भीर प्रयास किए जाने की उम्मीद थी. मध्यप्रदेश-गुजरात जैसे राज्यों में कोविड मरीज़ों का शत-प्रतिशत खर्च उठाया गया, लेकिन छत्तीसगढ़ के ग़रीबों का बड़ा नुक़सान हुआ है.
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए पाँच लाख आवास स्वीकृत थे, लेकिन राज्य का अंश नहीं देने से इसका लाभ ग़रीबों को नहीं मिल रहा. 15 साल तक हमारी सरकार के वक़्त बिजली कनेक्शन के लिए किसानों को भटकना नहीं पड़ा, अभी 36 हज़ार कनेक्शन के आवेदन लम्बित हैं. सरकार जो क़रीब 24 सौ करोड़ का अनुपूरक लेकर आई है इसमें से क़रीब 19 सौ करोड़ केंद्र से मिलने वाली राशि है. क़रीब 80 फ़ीसदी राशि केंद्र से मिलेगी.
उन्होंने कहा कि ये सरकार ग़रीबों का केवल नारा लगाती है. 16 दिसम्बर 2018 की स्थिति में 41 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ा था, जब हमने सरकार सँभाली थी, तब आठ हज़ार करोड़ का क़र्ज़ हमारे हिस्से आया था. 15 सालों की सरकार के बाद क़र्ज़ 33 हज़ार करोड़ तक पहुँचा था. इस सरकार का वित्तीय घाटा 5.4 फ़ीसदी हो गया है. दो सालों में ही 26 हज़ार करोड़ क़र्ज़ लिया गया है.
डॉ. सिंह ने कहा कि महा लेखाकार की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूँजीगत व्यय सिर्फ़ तीन हज़ार सात सौ करोड़ हो गया है. केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 23 हज़ार करोड़ रुपए दिया है. पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र ने क़रीब 42 हज़ार करोड़ रुपए दिया था. यानी सरकार अपनी आय बढ़ाने में फिसड्डी साबित हुई. सरकार की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ़ एक ही नारा लगाती है नरवा, ग़रवा, घुरवा, बाड़ी, लेकिन बजट में ये कहाँ है. संगवारी बजट में सरकार की इस योजना का ज़िक्र तक नहीं है. छत्तीसगढ़ में 18 लाख 90 हज़ार पंजीकृत बेरोज़गार हैं. किसानों को दो साल के बोनस का वादा किया गया था. किसान 11 हज़ार करोड़ रुपए का इंतज़ार कर रहे हैं.