रायपुर। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तमाम उपलब्धियां गिनाई. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार को लॉकडाउन में मजदूरों की वापसी को लेकर कटघरे में खड़ा किया. डॉक्टर रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि 2019 में जनता ने अभूतपूर्व भरोसा बीजेपी पर जताया. देश की जनता की आशाओं को मोदी सरकार ने पूरा किया. जनता के आशीर्वाद के चलते ही 365 दिनों में दशकों पुरानी जनमानस के मन को झकझोरने वाले बड़े फैसले लिए. अनुच्छेद 376 को समाप्त करना, राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करना, तीन तलाक का फैसला, लद्दाख को अलग केंद्र शाषित राज्य बनाया, ये छोटा काम नहीं था, ये इतिहास रचने जैसा काम था. उन्होंने कहा कि मोदी ने नारा दिया था सबका साथ, सबका विकास, सबके साथ, इस नारे पर सरकार चली. देश में किसान सम्मान निधि के दायरे में सभी किसान आ गए है. 72 हजार करोड़ किसानों के खाते में डाले गए है. अंतिम घर तक शुद्ध पेयजल की योजना शुरू की. आज ही एक हजार करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को इस योजना के तहत मिले है. आदिवासी बच्चों के लिए देशभर में 420 एकलव्य विद्यालय शुरू किया. चंद्रयान मिशन के जरिये भारत ने अपनी दुनिया में वाहवाही बटोरी. रमन सिंह ने कहा कि स्वदेशी, स्वाभिमान और स्वालंबन मोदी का एक बड़ा विजन है. कोविड 19 महामारी के संकट को अवसर में बदलने का काम उन्होंने किया. आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाये. 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मोदी सरकार ने दिया, जो कुल जीडीपी का 20 फीसदी हिस्सा है. इसके साथ गरीब कल्याण योजना के तहत 1 लाख 76 हजार करोड़ का पैकेज दिया गया. जनधन खाते में 500 रुपये डाले गए. कुल 31 हजार करोड़ रुपये दिए गए. उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए बिना गारंटी 3 लाख करोड़ लोन दिए जाने का फैसला लिया गया. 12 करोड़ लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष इस सेक्टर से जुड़ते हैं. बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी के लिए 90 हजार करोड़ की लिक्विडिटी उपलब्ध कराई. किसान, श्रमिक, लघु उधमी सबके लिए पैकेज में प्रावधान किया गया. मनरेगा में 40 हजार करोड़ की वृद्धि हुई. कोविड 19 महामारी से दुनिया त्रस्त है. मोदी सरकार के उठाये कदमों की दुनियाभर में सराहना हुई है. 130 करोड़ आबादी वाले इस देश में 4 हजार 981 लोगों की मौत हुई है. मृत्यु दर 2.7 फीसदी रही. जबकि दुनिया में ये कहीं ज्यादा है. 52 लाख श्रमिकों को गृह राज्य भेजा गया. राज्य में आर्थिक आपातकाल के हालात रमन सिंह ने इस दौरान प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि 60 दिनों में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने मजदूरो को लाने कोई विशेष तरीका तय नहीं किया. क्वारेंटाइन सेंटरों में सांप काटने से लोगों की मौत हो गई. मजदूर जो हजार किलोमीटर चलकर आ रहे है और क्वारेंटाइन सेंटरों में मौत हो रही है तो ये किसकी जिम्मेदारी है? उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक आपातकाल के हालात है. दो इंक्रीमेंट रोक दी गई है. नई भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. चर्चा है कि वेतन में 30 फीसदी की कटौती होने वाली है. ये सरकार सभी क्षेत्रों में असफल रही है. क्वारेंटाइन सेंटरों में मौतों पर हो कार्रवाई डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटरों में हो रही मौतों पर सरकार को चाहिए उन जिलों के कलेक्टरों समेत प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे. वहीं ट्रेनों में सफर के दौरान 80 मजदूरों की मौत पर रमन ने कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी थी कि समय पर ट्रेन उपलब्ध करा दे. राज्य की जिम्मेदारी थी कि मजदूरो को फूड पैकेट उपलब्ध कराए. कमियां दोनों तरफ से हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना के साथ जीना अब सीखना होगा. डिस्ट्रिक्ट में अब लॉक डाउन नहीं होगा. पॉजिटिव केस आने वाले एरिया को कंटेंटमेंट जोन घोषित किया जाएगा. श्वेत पत्र जारी कर सरकार खर्चों को बताए स्कूलों खोलने को लेकर रमन सिंह ने कहा कि फिलहाल स्थिति वेट एंड वाच जैसी. अभी इस बात का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब तक यह पता नहीं चला कि सीएम रिलीफ फण्ड से कितना पैसा क्वारेंटाइन सेंटरों को दिया है. 9, 10 करोड़ रुपये खर्च कर इन्हें लगता है कि बड़ा काम कर लिया है. हम कहते है कि श्वेत पत्र जारी कर सरकार खर्चों को बताए.