रायपुर- डोंगरगढ़ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज भूपेश सरकार पर प्रदेश में सीबीआई को आने से मना करने का आरोप लगाया. इस पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पलटवार किया है. त्रिवेदी ने कहा कि अमित शाह जनता को गुमराह करने के बजाये छत्तीसगढ़ में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राजपत्र में आदेश जारी कर 2012 में सीबीआई को बिना अनुमति कार्यवाही करने से रोकने का स्पष्ट कारण बताए. 60 महीने से केंन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार सीबीआई को विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. भाजपा की केन्द्र सरकार की उन योजनाओं के बारे में बतायें जो देश के आर्थिक विकास और नवनिर्माण, रोजगार के नये अवसर पैदा करने में सहायक साबित हुई हो. शाह अपने घोषणा पत्र के चार वायदों विदेश से कालाधन, हरेक खाते में 15 लाख, हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के बारे में किये गये वायदों का ही हिसाब दें दें.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अमित शाह में साहस नहीं है कि वे नोटबंदी और जीएसटी के बारे में देश की जनता के सामने कुछ बोल पायें. इसीलिये नोटबंदी की त्रासदी के बारे में जिसने देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार को छीन लिया वे मौन थे. उनमें व्यापार को चैपट करने वाली जीएसटी के बारे में बोलने का भी साहस नहीं था. देश और छत्तीसगढ़ का युवा हर साल 2 करोड़ रोजगार के बारे में जानना चाहता है.

देश के किसान उनकी ऊपज की कीमत के बारे में जानना चाहते है. लोग 15 लाख की जुमलेबाजी और विदेश से कालाधन लाने की सच्चाई भी जानना चाहते है. अमित शाह जिस राजनांदगांव लोकसभा में झूठ बोलकर गये वहां के मतदाता भाजपा सांसद अभिषेक सिंह के विदेशी खाते की सच्चाई भी सुनना चाह रहे थे. अमित शाह में साहस होता तो वे रमन सरकार के गरीबों के राशन के 36000 करोड़ के महाघोटाला नान पर कुछ सफाई देते.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा नक्सलवाद के खात्मे का दावा करने के पहले अमित शाह को थोड़ी जानकारी एकत्रित कर लेनी थी. रमन राज के 15 सालों में बस्तर के 4 ब्लाक से निकलकर माओवाद राज्य के 14 जिलों तक पहुंच गया. 5 साल में मोदी सरकार की नक्सल नियंत्रण की उदासीनता का भी अमित शाह को जवाब देना था. अमित शाह चुनावी वायदों को जुमलेबाजी मानते है झूठे आरोप और झूठे वायदे कर चुनाव में मत हासिल करना भाजपा और शाह की फितरत है. डोंगरगढ़ की रैली में भी उन्होंने अपने उसी चरित्र का दोहराव किया.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि डोंगरगांव की अपनी सभा में अमित शाह ने मोदी सरकार के 5 वर्षों के कार्यकाल की एक भी उपलब्धि का उल्लेख नहीं कर पाये. 5 वर्ष तक भाजपा के सरकार चलाने के बाद अमित शाह अपनी सरकार की एक भी उपलब्धि नहीं बता पा रहे हैं. 2014 के घोषणापत्र पर किये गये एक भी ठोस काम नही बता पाये. महंगाई, बेरोजगारी, कालेधन की वापसी, देश की रक्षा, व्यवस्था की मजबूती जैसे बड़े-बड़े वादे 2014 के घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी ने किए थे. लेकिन अमित शाह आज डोंगरगांव की सभा में उस पर कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे.

अमित शाह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि 15 लाख की बात सिर्फ एक जुमला थी अमित शाह के पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी ने कहा था कि 15 लाख हमारे गले की हड्डी बन चुका है. आज की सभा में अमित शाह से उम्मीद थी कि वह बताएंगे कि 15 लाख का संकल्प था, जुमला था, या वादा था, या भाजपा के गले की हड्डी है। इसके बावजूद अमित शाह द्वारा 2014 के घोषणापत्र पर कुछ भी नहीं कहने से भारतीय जनता पार्टी का खोखलापन जनता के सामने उजागर हो गया.