रायपुर। जम्मू कश्मीर से श्रमिकों के लिए ट्रेन की अनुमति दिलवाने के कथित प्रयासों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने डॉ रमन सिंह का राजनीतिक हथकंडा बताते हुए कहा है कि अगर उनकी इतनी सुनवाई हो रही है तो दो और भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ के लिए ट्रेनों की अनुमति देने में आनाकानी कर रहे हैं वे उन राज्यों से भी अनुमति दिलवा दें.

उन्होंने कहा है कि केंद्र की ओर से पहले तो रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ग़लत बयान जारी करके राजनीति की. अब जबकि इस झूठ की कलई खुल गई है तो ‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए डॉ रमन सिंह ट्रेनों की अनुमति दिलवाने की बात कर रहे हैं. अगर वे सच में छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के हितैषी हैं तो वे कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से भी ट्रेनों की लंबित अनुमति दिलवाने की पहल करें.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा उपाध्यक्ष होने के नाते डॉ रमन सिंह को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन से भी बात कर लेनी चाहिए और कहना चाहिए कि आर्थिक पैकेज के तहत जो उपाय किए गए हैं उससे न उद्योगपतियों का भला होने वाला है और न किसानों-मज़दूरों का. उन्हें चाहिए कि वे वित्तमंत्री से कहें कि वे कर्ज़ देने की जगह उद्योगपतियों को राहत दें और किसानों-श्रमिकों की जेब में नक़द रकम डालने के उपाय करें.

रमन सिंह जी से अनुरोध करते हुए संचार विभाग प्रमुख ने कहा है कि यदि उन्हें श्रमिकों का दर्द महसूस हो रहा है तो वे हिम्मत जुटाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जी कहें कि वे मीलों मील पैदल चल रहे मज़दूरों के लिए केंद्र सरकार की ओर से घर पहुंचने का इंतज़ाम कर दें. उन्होंने कहा है कि जब वे बात करें तो रेलमंत्री, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री से यह भी कह दें कि ग़रीब मज़दूरों से ट्रेन यात्रा का पैसा वसूल करना बंद कर दें. वैसे भी मज़दूर पिछले दो महीनों में अपना सबकुछ गंवा चुके हैं, उनके पास यात्रा के पैसे भी नहीं हैं.

उन्होंने कहा है कि रमन सिंह के मन में छत्तीसगढ़ के मज़दूरों के लिए उपजा दर्द यदि नकली नहीं है तो वे छत्तीसगढ़ से चुनकर गए अपनी पार्टी के सांसदों से कहें कि उन्होंने जितना पैसा पीएम केयर्स में भी दिया है उतना ही कम से कम मुख्यमंत्री राहत कोष में भी दे दें, जिससे राज्य में मज़दूरों के हित में और बेहतर काम हो सकें. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यदि भाजपा और उनके सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्य श्रमिकों को लेकर राजनीति न करें और अपने अपने मज़दूरों को बुलाने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम कर दें तो छत्तीसगढ़ का भला हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि आज छत्तीसगढ़ सरकार अपने संसाधनों से जिन मज़दूरों को उनके घर तक पहुंचाने में मदद कर रही है, उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक मज़दूर दूसरे राज्यों के हैं.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस तरह से नोटबंदी ने आमजनों का हाल बेहाल किया था उसी तरह से अचानक किए गए लॉक-डाउन ने किया है. केंद्र की भाजपा सरकार ने बिना सोचविचार किए, बिना राज्यों को विश्वास में लिए जिस तरह के निर्णय किए हैं उसी की वजह से करोंड़ों मज़दूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. उन्होंने कहा है कि बेहतर है कि भाजपा इस समय अपनी ग़लती का दोष दूसरे राज्यों पर मढ़ने की जगह देश से माफ़ी मांगे.