रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की राज्य सेवा परीक्षा की चयन प्रक्रिया और मूल्यांकन में गड़बड़ी की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने दो पन्नों के पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पहली बार पारदर्शिता को समाप्त कर भाई- भतीजावाद चलाया गया है. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम में शीर्ष 18 स्थानों पर कांग्रेस नेताओं, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष तथा बड़े अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों काबिज हैं, और उच्च पदों पर उनका चयन हुआ है.

इससे युवाओं में व्याप्त निराशा और आक्रोश को देखते हुए पूर्व गृह मंत्री व वर्तमान में रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसे स्वीकार कर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने को कहा. चूंकि उनमें से 5 की नियुक्ति हो चुकी थी, इस लिहाज से वर्तमान में 13 लोगों की नियुक्ति पर रोक लगी है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यही नहीं राज्य सेवा परीक्षा 2022 के मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन और साक्षात्कार में भी धांधली उजागर हुई है, जिसमें अभ्यर्थी को बिना उत्तर लिखे अंक देना, किसी को कम अंक आने पर भी चयनित करने और किसी को अधिक अंक आने पर भी बाहर करना शामिल है.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले में शिकायत नहीं मिलने की झूठी बात कहते हुए जांच की मांग ठुकरा दी है, इससे भी प्रदेश के युवाओं को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं रह गया है. इस लिहाज से सीबीआई से मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर छत्तीसगढ़ के युवाओं को न्याय दिलवाने में सहायता करें.