रायपुर. युवा सम्मान एवम् प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्यमन्त्री डॉ रमन सिंह ने युवाओं को साधने के लिए उनसे संवाद किया. डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि वे तीन चुनाव युवाओं की वजह से ही जीत पाए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी बिना युवाओं के चुनाव नहीं जीत सकता. उन्होंने कहा युवाओं  के साथ खड़ा हुए बिना किसी की सरकार नहीं बन सकती. उन्होने कहा कि युवाओं का साथ  उन्हें मिला तभी वे 15 साल से मुख्यमंत्री हैं.

डॉक्टर रमन सिंह इस कार्यक्रम में युवाओं के सवाल के जवाब दे रहे थे. उन्होंने युवाओं को अटल दृष्टि पत्र में तैयार करने में वहां मौजूद युवाओं से सहयोग मांगा. युवाओं ने उनसे निजी ज़िंदगी से लेकर सरकार को लेकर सवाल पूछे.

डॉक्टर रमन सिंह ने सभा में मौजूद युवाओं को 2003 से पहले के छत्तीसगढ़ से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि ज़्यादातर युवाओं को 2003 से पहले का छत्तीसगढ़ ठीक से याद नहीं होगा. मुख्यमंंत्री रमन सिंह ने कहा कि 2003 में जो छत्तीसगढ़ मिला. उस छत्तीसगढ को पलायन, और भूख से मौत के चलते याद किया जाता था. स्कूल कम थे. सड़कें नहीं थी. क्षेत्रीय असंतुलन का ये क्षेत्र शिकार था.

स्काई योजना के बारे में बोलते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि ये सिर्फ मोबाइल बांटने की योजना नही है. 50 लाख लोगों के हाथ में मोबाइल होगा तो वे सारी दुनिया से कनेक्ट हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस योजना में 9000 गांव दूरसंचार से कनेक्ट होंगे.  उन्होंने कहा कि रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में शत प्रतिशत मोबाइल डेंसिटी है. लेकिन जब यहां से दूर जाते हैं तो डेंसिटी घटने लगती है. बस्तर और बलरामपुर में बेदह कम हो जाती है. सरकार की मंशा टेली डेन्सिटी को 70 प्रतिशत तक पहुंचाना है. सरकार का लक्ष्य है आखिरी गांव को कनेक्टिविटी देना.

रमन सिंह ने कहा कि राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर में हर जगह से कनेक्ट हो रहा है. रायपुर की जगदलपुर से एयर कनेक्टिविटी हो चुकी है. अम्बिकापुर भी जल्द ही एयर कनेक्टेड हो जाएगा. उन्होने कहा कि 150 साल में छत्तीगढ़ में 1250 किलोमीटर रेल लाइन जुड़ा था लेकिन बीजेपी सरकार अगले कुछ सालों में 1200 किलोमीटर और रेल लाइन बना लेगी.

उन्होंने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ में उनका सपना है कि 2025 तक देश के पहले 3 राज्यो में शामिल हो. उन्होंने बताया कि 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर जिला अस्पताल में जो कक्ष मिला था. वो हले ओटी था. उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा आएं और भविष्य के सपने रचें. उनके सपनों को क्रियान्वयन करना ही सरकार का काम है.

रमन सिंह ने कहा कि हम  2030 तक बिजली 70-80 प्रतिशत रिनुअल एनर्जी से पैदा करेंगे. रमन सिंह ने कहा कि जो फैक्ट्री आज कोयले से चल रही है वो बंद हो जाएगी.  क्योंकि उससे प्रदूषण फैलता है.

जब उनसे पूछा गया कि 2018 में ही नवा छत्तीसगढ़ का विज़न क्यों लांच हुआ. उसका उन्होंने जवाब दिया कि हर वक्त की चुनौती और प्राथमिकताएं अलग होती हैं. जो छत्तीसगढ़ 2033 में मिला उस वक्त की चुनौती अलग थी. उस वक्त लोग भूख से मरते थे. पलायन होता था. इसलिए सरकार ने सबसे पहले सबके पोषण की व्यवस्था की. उस वक्त इंफ्रास्ट्रक्चर कमज़ोर था. उसे बनाना चुनौती थी. डॉ रमन सिंह ने बताया कि 2003 की तुलना में बिजली की उपलब्धता तीन गुना हो गईहै. अब जबकि बुनियादी ज़रुरतें पूरी हो चुकी हैं. 2018 में सरकार नई छलांग लगा सकती है. अगर उस समय ये गड्ढे पाटे नही जाते तो आज नवा छत्तीसगढ़ की कल्पना करना भी मुश्किल होता.

जब युवाओं ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनका सबसे बढ़िया काम कौन सा है तो उन्होंने खाद्यान सुरक्षा को अपना सबसे बढ़िया काम बताया. उन्होंने कहा कि इस योजना के ज़रिए सराकर कुपोषण की लड़ाई जीत चुकी है. उन्होंने केंद्र सरकार के आयुष्मान योजना को भी मील का पत्थर बताया.

रमन सिंह से छात्रों ने उनकी निजी ज़िंदगी के बारे में भी पूछा. रमन सिंह ने बताया कि कभी कल्पना नही की थी कि वे विधायक या मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि 15 साल में जनता का प्यार मिला जिसके चलते वे लगातार चुनाव जीतते गए. रमन सिंह ने कहा इसमें सबसे ज़्यादा सहयोग युवाओं का रहा. रमन सिंह ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि वे पांच साल सीएम रहेंगे.

उन्होंने लड़कियों के बारे में कहा कि लड़कियां भी भविष्य में इस प्रदेश की सीएम बनेंगी. उन्होंने कहा कि अभी पंचायत और नगरीय निकायों में 50 फीसदी आरक्षण है. भविष्य में लड़कियां विधायक और मुख्यमंत्री भी बन सकती हैं.

अपने निजी ज़िंदगी के बारे में सीएम ने कहा कि कॉलेज में एक दिन में मैं 2 या 3 पिक्चर देखते थे. ये उनके जीवन का सर्वेश्रेष्ठ दिन थे. तब उन्होंने अपने पांच साल रायपुर के हॉस्टल में बिताए थे. रमन सिंह ने बताया कि प्रदेश में लड़कियों की स्थिति शिक्षा में काफी सुधरी है. इसमें छात्राओं के लिए चलाए गए स्कीम्स का बड़ा योगदान है.

उन्होंने कहा कि पहले लड़कियों का ड्रॉपआउट ज़्यादा था. लेकिन आज कॉलेज में लड़कों से ज़्यादा लड़कियों की संख्या है. उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि टॉप में लड़कियों की संख्या ज़्यादा है.