रायपुर-  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के हिस्से की राशि जल्द जारी किए जाने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के जरिए रमन ने सरकार पर सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल आठ लाख मकान बनाने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन सरकार बदलते ही इस योजना का बुरा हश्र हुआ. इस योजना पर ग्रहण लग गया है. 

पूर्व मुख्यमंत्री ने चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर गरीब परिवारों को 2022 तक आवास देने का लक्ष्य रखा था. एक लाख 40 हजार रूपए का यह मकान सपनों का घर होता, जिसकी कल्पना गरीब व्यक्ति करता. इस योजना के तहत पूरे देश में ढाई करोड़ आवास बनने है. राज्य में बीजेपी की सरकार के दौरान गरीबों को आवास देने का काम शुरू किया था. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद साल 2018-19 में 792 करोड़ और 2019-2020 में 762 करोड़ यानी 1 हजार 554 करोड़ रूपए की दो साल की राशि, जो राज्य का हिस्सा थी, यह नहीं दी गई. राज्य का हिस्सा नहीं देने से योजना पूरी तरह से बंद हो गई है. उन्होंने कहा कि आवास योजना के तहत खर्च होने वाली राशि का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी राज्य वहन करता है. इसके साथ ही साल 2020-2021 की राशि का प्रावधान भी राज्य सरकार ने बजट में नहीं रखा है. इससे यह प्रतीत होता है कि इस योजना को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. यह कदम इस योजना को बंद करने की ओर अग्रसर नजर आ रहे हैं. 
 
रमन सिंह ने चिट्ठी पर बयान जारी कर कहा है कि बार-बार केंद्र की ओर से पत्र लिखने के बाद भी एक पैसा भी जमा नहीं किया गया. छत्तीसगढ़ के लाखों लोग भटक रहे हैं. गरीब तड़प रहा है. आवास का सपना टूट रहा है. लगता है राज्य सरकार ने तय कर लिया है कि गरीबों के आवास जो बनने थे, उसे पूरी तरह से बंद कर दिया है. यह गरीबों के लिए लाभदायक योजना है. सरकार गरीबों के सपनों को तोड़ रही है.