वाराणसी. रामभद्राचार्य एक और बड़ा बयान समाने आया है. उन्होंने कहा है कि जब तक ज्ञानवापी नहीं मिलेगा, चुप नहीं बैठेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने काशी में मुगलों के नाम पर रखे मोहल्लों के नाम बदले जाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी से वे चर्चा करेंगे. वहीं मनु स्मृति विवाद (Manu Smriti controversy) पर उन्होंने खुली चुनौती देते हुए कहा कि जिसकी मां ने शुद्ध दूध पिलाया, वह हमसे चर्चा करे.

बता दें कि शनिवार को रामभद्राचार्य का एक बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय न्याय सहिंता को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मनु महाराज से लेकर ऋषियों तक जो परंपरा रही वह न्याय देने की परंपरा रही है. मनु को गाली देने वालों को क्या कहूं? बहन कहने में संकोच लग रहा, मनु को गाली देने की शुरुवात मायावती ने की. लेकिन मायावती को मनुस्मृति के बारे में एक भी अक्षर का ज्ञान नहीं.

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बाबा साहब को संस्कृत का ज्ञान नहीं था- रामभद्राचार्य

उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर संस्कृत को ठीक ठाक जानते तो मनु स्मृति को जलाने का प्रयास नहीं करते. उन्हें भी संस्कृत का एक भी का भी ज्ञान नहीं था. मैं कह सकता हूं कि मनु स्मृति में एक अक्षर भी राष्ट्र निर्माण के विरोध में नहीं लिखा गया. महाभारत काल की न्याय प्रक्रिया अधूरी थी और रामायण काल की न्याय प्रक्रिया समग्र थी, भगवान श्रीराम ने भी मनु को आधार बनाकर न्याय किया.