लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद सपा नेता एक के बाद एक रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर बयान दे रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को पिछड़ों और दलितों को अपमानित करने वाला ग्रंथ कहा था. इसके बाद सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा ने तुलसीदास को भेदभाव, ऊंचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित बताया. अब एक और सपा नेता लालजी पटेल ने भी बड़ा आह्वान किया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि होलिका दहन के दिन रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की प्रतियां जलाई जानी चाहिए.
लालजी पटेल ने कहा कि रामचरित मानस धार्मिक किताब नहीं, बल्कि तुलसीदास की द्वारा अपने मन का विचार प्रकट करने के लिए अन्य किताब के लेखकों की तरह ही लिखी गई थी. उन्होंने कहा कि सनातम हिंदू धर्म हजारों लाखों वर्ष पुराना धर्म है और रामचरित मानस सिर्फ पांच सौ साल पहले लिखी गई है तो धार्मिक ग्रंथ कैसे हो सकता है. सपा के पूर्व जिला सचिव लालाजी पटेल ने हिंदू समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों से आह्वान किया कि आगामी होली पर्व पर राम चरित मानस की प्रतियों को होलिका दहन में जलाने का काम करें तब दलित व पिछड़ों का हक अधिकार मिलेगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस को लेकर बवाल मचा हुआ है. रविवार को लखनऊ में ओबीसी महासभा ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी. इस मामले को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों को नामजद किया गया है.
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