राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के निर्देश के बाद कलियासोत नदी के 33 मीटर के दायरे में आ रहे अतिक्रमणों पर कार्रवाई को लेकर एक हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने एक पत्र लिख काट इसका विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले जिस जमीन को लेकर अनुमतियां ली थी वो अब अचानक अवैध कैसे हो गए। उन्होंने एनजीटी को पत्र लिख पुनर्विचार करने की बात कही है।

एनजीटी के निर्देश पर कलियासोत नदी के 33 मीटर दायरे में आ रहे निर्माणों को तोड़ने के लिए नगर निगम नोटिस थमा रहा है। इसी बीच हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने मानवीय आधार पर इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कलेक्टर भोपाल और नगर निगम कमिश्नर से नोटिस दिए जाने के मामले पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

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विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि, अभिव्यक्ति नगर (पत्रकार कॉलोनी), सागर प्रीमियव टावर, अल्टीमेट कैंपस, भूमिका रेसीडेंसी, सिग्नेचर, सर्वधर्म, मंदाकिनी कॉलोनी सहित एक दर्जन कॉलोनी जैसे एक दर्जन रहवासी क्षेत्रों में मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों ने जीवन भर की जमा पूंजी खर्च कर मकान खरीदे हैं। एनजीटी के निर्देश के बाद इन मकानों पर टूटने का खतरा मंडरा रहा है।

शर्मा ने सवाल उठाया कि नजूल, नगर निगम, टीएनसीपी और पर्यावरण विभाग की अनुमति लेने के बाद रहवासियों ने मकान खरीदे या बनवाए हैं, ये आज अवैध कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कलियासोत का ओवर फ्लो है, इसे बरसाती नाला भी कहना उचित होगा। उन्होंने कहा कि ये रहवासी जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम करते रहते हैं। वे स्वयं भी इन अभियान के सहभागी रहे हैं।

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विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि नगर निगम के कार्रवाई से ये सभी परिवार तनावग्रस्त है। कलेक्टर से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावित लोग एनजीटी में न्याय की गुहार तो लगाएंगे ही, परंतु मानवीय पक्ष और मानवाधिकार की रक्षा के लिए कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश पारित कर नागरिको को न्याय दिलाएं।

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