सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राज्य सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश के कई निजी अस्पताल खूबचंद बघेल योजना का पालन नहीं कर रहे हैं. राशन कार्ड वाले गरीब मरीजों से पैसा वसूला जा रहा है. ऐसा ही एक मामला राजधानी के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल का आया है. अंबिकापुर निवासी एक मरीज ने खूबचंद बघेल योजना का लाभ नहीं देने और डेढ़ लाख रुपए लेने के बाद भी छुट्टी नहीं देने का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़ित की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
राज्य नोडल एजेंसी संचानालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अरविंद कुमार पाण्डेय बलरामपुर निवासी से 1 लाख 50 हज़ार रुपए नगद अस्पताल प्रबंधन द्वारा लेने के बाद मरीज़ को छुट्टी नहीं देने की शिकायत की गई है. मरीज़ के परिजनों द्वारा की गई शिकायत के अनुसार अस्पताल प्रबंधन को ग़रीबी रेखा कार्ड, आधार कार्ड संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के बाद भी डॉक्टर ख़ूबचंद बघेल योजना से इलाज नहीं मिला. दबाव बनाकर उनसे डेढ़ लाख रुपए का भुगतान कराया गया.
नोटिस में ये भी लिखा गया है कि इसके पूर्व भी कई बार नगद राशि वसूली कर योजना का लाभ नहीं देने की शिकायतें प्राप्त होती रही है. ऐसी स्थिति में अस्पताल संचालक स्पष्ट करें कि मरीज़ को डॉक्टर ख़ूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, आयुष्मान भारत योजना से उपचार लाभ प्रदान क्यों नहीं किया गया. उपचार की प्रक्रिया से संबंधी समस्त दस्तावेज़ सहित अपना पक्ष तत्काल कार्यालय को जवाब प्रेषित करें.
उप संचालक श्रीकांत राजिम वाले ने बताया कि नोटिस जारी कर हॉस्पिटल प्रबंधन को अपने पक्ष रखने के साथ इलाज के प्रक्रिया के तमाम दस्तावेज मांगा गया है. नोटिस का एक सप्ताह का समय होता है, लेकिन प्रबंधन की तरफ से समय सीमा पर जवाब नहीं आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम ने भी जारी किया नोटिस, जवाब नहीं देने पर अवैध निर्माण तोड़ने की होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर निगम ने भी रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है. नक्शे के विपरीत निर्माण कार्य करने का आरोप लगाया है. जारी नोटिस में हॉस्पिटल प्रबंधन से तत्काल जवाब मांगा है. जोन कमिश्नर विनय मिश्रा ने बताया कि हमें शिकायत मिली थी कि राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल लैब की अनुमति से ज्यादा जगह पर निर्माण किया है. शिकायत के आधार पर टीम भेजकर निरीक्षण किया है. निरीक्षण में अनुमति से ज्यादा का निर्माण लगा. इसके आधार पर नोटिस भेजकर तमाम दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है. सात दिन की अंदर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर निय़मानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.