अयोध्या. देशभर में आज श्रीराम नवमी (Shri Ram Navami 2025) का पर्व मनाया जाएगा. विशेषकर अयोध्या में इसकी अलग ही धूम रहेगी. ठीक 12 बजे रघुकुल भूषण राजा रामचंद्र जी का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा. स्वयं भगवान सूर्य उनका तिलक करेंगे. इससे पहले शनिवार को सूर्य तिलक का पूर्वाभ्यास किया गया. जो कि सफल रहा. ट्रॉयल में 90 सेकेंड तक भगवान सूर्य ने रामलला का तिलक किया. ये ट्रायल आईआईटी रुड़की और चेन्नई के वैज्ञानिकों ने किया.

बता दें कि रामलला का सूर्य तिलक करने के लिए सूर्य की किरणों को तीन अलग-अलग दर्पण के माध्यम से अलग-अलग एंगल में डायवर्ट किया जाएगा. जिसके बाद ये किरणें पीतल की पाइप से आगे गुजरेगी. पीतल की पाइप में क्षरण (corrosion) कम होता है. यही वजह है कि इस प्रक्रिया के लिए पीतल के पाइप का प्रयोग किया गया है. इसके बाद ये किरणें लेंस से होते हुए सीधे रामलला के ललाट (मस्तक) पर पड़ेंगी.

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ठीक 12 बजे होगा सूर्य तिलक

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 6 अप्रैल को श्रीराम नवमी (Shri Ram Navami 2025) के दिन सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक रामलला का अभिषेक होगा. इसके बाद 10.40 बजे पर्दा रहेगा. फिर 10.40 से 11.45 बजे तक पर्दा खुला रहेगा. इस बीच रामलला का श्रृंगार किया जाएगा. 11.45 को रामलला को भोग लगाया जाएगा. जिसके बाद ठीक 12 बजे भुवन भास्कर भगवान सूर्य नारायण अपने कुल में जन्में रामलला के ललाट को प्रकाशित करेंगे. यानी उन्हें तिलक लगाएंगे.

चार मिनट तक होगा रामलला का सूर्य तिलक

इस साल श्रीराम नवमी पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है. मंदिर परिसर में श्रीराम कथा, श्रीराम नाम संकीर्तन, नवग्रह परायण, यज्ञ, और हवन जैसे अनुष्ठान हो रहे हैं. जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहे हैं. आज दोपहर ठीक 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा, जो चार मिनट तक चलेगा और भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण होगा.

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अयोध्या के 8 हजार मंदिरों में गूंजेगी बधाई

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य द्वार को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. गर्भगृह में भगवान श्रीराम के सिंहासन को विशेष रूप से अलंकृत किया गया है. इसके अलावा आज रामनगरी के आठ हजार मंदिरों में कथा-प्रवचन और भजन-कीर्तन की ध्वनियां गूंजेंगी. जिससे राम जन्मोत्सव का उल्लास और बढ़ेगा. रामलला के जन्मोत्सव से पहले विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे, जिसमें पंचामृत से स्नान, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा पाठ किया जाएगा.