पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए हुए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है. इन राम नामी अनुयायियों की एक जत्था राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचा है. इसे भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत की नई योजना, कहा- इससे ज्यादा लोकतांत्रिक और समावेशी होगा परिषद…
सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चापा, बलौदा बाजार से 18 रामनामी राजिम कुंभ कल्प मेले में आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और शेष पुरुष हैं. इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है. कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने शरीर भर में राम-राम का गोेदना बनवाते है, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम राम लिखा होता है. जिसे शिरोमणी कहते है.
इसे भी पढ़ें : नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड : प्रधानमंत्री मोदी ने 20 श्रेणियों में व्लॉगर्स-यूट्यूबर्स को किया सम्मानित…
उन्होंने बताया कि 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था. उस समय रामनामी को मानने वालो की 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है.
ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगो के रोम-रोम राम बसता है. इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं. उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है. इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं, और भगवान श्रीराम को याद करते हैं.
इसे भी पढ़ें : Women’s Day : PM मोदी ने महिलाओं को दिया बड़ा तोहफा, सस्ता हुआ घरेलू गैस सिलेंडर
इस पंथ को मानने वाले चालीस वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है. इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है. राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं, और उनके प्रति अपने श्रद्धा भक्ति को अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं. हर समय ये राम नाम का जाप करते है. इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते है भजन, शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा ओढ़ना. ये सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं.
छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक