पंकज सिंह भदौरिया,दन्तेवाड़ा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. इस दौरान वह बस्तर संभाग के जगदलपुर और दंतेवाड़ा में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. आजादी के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति का दन्तेवाड़ा जिले में दौरा है. प्रशासन ने उनके दौरे की तैयारी शुरू कर दी है. दन्तेवाड़ा से हिरानार तक पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है. बता दें कि रामनाथ कोविंद बस्तर आने वाले चौथे राष्ट्रपति होंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का प्रस्तावित कार्यक्रम

राष्ट्रपति 25 जुलाई को विमान द्वारा जगदलपुर पहुचेंगे. यहां से हेलीकाॅप्टर के जरिए दंतेवाड़ा जिले के ग्राम जावंगा जाएंगे. वहां बारसूर रोड पर बसे हीरानार गांव में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 35 एकड़ के क्षेत्र में तैयार किए गए एकीकृत कृषि प्रक्षेत्र को देखेंगे. इस दौरान वहां विभिन्न स्व:सहायता समूहों से चर्चा भी करेंगे, जो राईस मिल का संचालन, कड़कनाथ प्रजाति का कुक्कूट पालन और ई-रिक्शा चलाते हैं.

राष्ट्रपति ग्राम जावंगा में किसानों से बातचीत करेंगे और कृषि क्षेत्र का भ्रमण करेंगे. इसके बाद हीरानार में ही संचालित हो रहे वनवासी कल्याण आश्रम जाएंगे. यहां वे आश्रम के बच्चों का तीरंदाजी प्रदर्शन देखेंगे. आश्रम में संचालित हो रहे वैदिक गणित की कक्षा का अवलोकन करेंगे. आश्रम के बच्चों के साथ दोपहर का भोजन करेंगे. इसके बाद एजुकेशन सिटी पहुंचेंगे और वहां विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को देखेंगे. वहां दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित किए जा रहे केंद्र सक्षम का अवलोकन करेंगे, जहां इन बच्चों को विभिन्न तकनीकों से पढ़ने-लिखने और सामान्य जीवन जीने का प्रशिक्षण दिया जाता है.

राष्ट्रपति कोविंद दंतेवाड़ा में युवा बीपीओ सेंटर का उद्घाटन करेंगे. वे इस दिन बस्तर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट के जल प्रपात को देखने भी जाएंगे. कोविंद शाम को चित्रकोट में बस्तर की लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन करेंगे.

राष्ट्रपति अगले दिन 26 जुलाई को जगदलपुर के पास ग्राम डिमरापाल स्थित स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे. राष्ट्रपति वहां से जगदलपुर आकर विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.

बता दें कि देश के 3 राष्ट्रपति पहले बस्तर आ चुके है –

डॉ राजेन्द्र प्रसाद (23 मार्च 1953) को बस्तर आ चुके हैं.

एपीजे अब्दुल कलाम (4 जून 2004) को बस्तर आ चुके हैं.

प्रतिभा पाटिल (29 सितंबर 2008) को बस्तर आ चुकी हैं.