Ramnavami 2025: रामनवमी 2025 के अवसर पर बिहार के बक्सर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यही वह स्थान है जहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने महर्षि विश्वामित्र के आश्रम में रहकर धनुर्विद्या, मंत्र, अस्त्र-शस्त्र और धर्मशास्त्र की शिक्षा प्राप्त की थी। रामनवमी पर यह ऐतिहासिक नगर एक बार फिर राममय हो उठा है।

बक्सर का धार्मिक महत्व रामायण काल से जुड़ा है

कथा के अनुसार, जब राक्षसी ताड़का और उसके पुत्र सुबाहु यज्ञों में विघ्न डाल रहे थे, तब ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के पास अयोध्या गए और राम-लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ लाए। यहीं बक्सर में उन्होंने ताड़का का वध किया और यज्ञ की रक्षा की।

‘रामेश्वरनाथ मंदिर’

श्रीराम और लक्ष्मण ने इस स्थान पर रहकर न केवल युद्ध कौशल सीखा, बल्कि धर्म, नीति और मर्यादा का गहरा ज्ञान भी प्राप्त किया। बक्सर के ‘रामरेखा घाट’ को वह पावन स्थल माना जाता है जहाँ भगवान राम ने गंगा स्नान किया और शिवलिंग की स्थापना की, जिसे आज ‘रामेश्वरनाथ मंदिर’ में पूजा जाता है।

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