नई दिल्ली-  राज्यसभा में आज भारतीय वन अधिनियम संशोधन विधेयक पारित हो गया. विधेयक पर चर्चा के दौरान सांसद रामविचार सिंह और बीजेपी अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने कहा कि- इस बिल को पारित होने में 90 साल लग गए. लगता है कि यह सदन भी इस बिल के पारित होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रहा था. बिल आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाएगा.
रामविचार नेताम ने कहा कि वन भूमि पर उगाए जाने वाले बांस की कटाई, ढुलाई और परिवहन के लिए लगने वाले परमिट की बाध्यता खत्म कर देगा. उन्होंने बिल का विरोध कर रहे कांग्रेस सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता दूध के जले हैं, इसलिए छाछ को भी फूंक-फूंक कर पी रहे हैं.
नेताम ने कहा कि- कांग्रेस के लोग आदिवासी वर्ग के लोगों को एक वस्तु समझते हैं. यही कारण है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग की जमीनी तकलीफ ये लोग महसूस नहीं कर पाते. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश, झारखंड के आदिवासी जो बांस का बेहतर उपयोग करते हैं और अपने आर्थिक उन्नयन के लिए इससे जुड़े वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, उनके लिए यह बिल बहुत मायने रखता है. इसे कांग्रेस के सदस्य ना तो समझ सकते हैं ना कभी समझ सकेंगे. यह बिल गैर वन क्षेत्रों में भी बांस उगाए जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. साथ ही 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करेगा.