चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस की कलह आखिरकार थम गई है. इस सियासी बवंडर से कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई थी, लेकिन पंजाब में ताजपोशी के बाद अब कलह पर विराम लग गया है. पंजाब कांग्रेस समेत अन्य राज्यों में भी कांग्रेस में बिगड़े मसले अब सुलझते दिख रहे हैं, क्योंकि इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी मुख्यमंत्री बदलने समेत सियासी झगड़ों पर विराम लगता दिख रहा है.
दरअसल, कांग्रेस शासित राज्यों में ढाई-ढाई साल के सीएम की खबरें शुरू से सुर्खियों में रही है. इन सबको लेकर सियासी माथापच्ची भी देखने को मिली है. दिल्ली में कई बड़े चेहरे इस मसले पर मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन खबरें शांत नहीं हुई थी, बल्कि आग की तरह फैलती गई. इन खबरों को विपक्ष भी हवा देता गया, जिससे सियासत की धुआं गुबार बनती गई.
रणदीप सुरजेवाला ने इन सबके बीच बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मोदी सरकार और अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि एक राज्य में दलित और दो राज्य में OBC मुख्यमंत्री के ज़रिए कांग्रेस सामाजिक न्याय कर रही है, लेकिन पंजाब में एक गरीब और दलित के बेटे चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा की पेट में दर्द हो रहा है, जिस वजह से वह उन्हें अपमानित करने की साजिश कर रही है.
रणदीप सुरजेवाला ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी उनके एक बयान को लेकर पलटवार किया और चुनौती दी. उन्होंने कहा कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बसपा के गठबंधन की ओर से किसी दलित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें, क्योंकि एक राज्य में दलित और दो राज्य में OBC मुख्यमंत्री के जरिए कांग्रेस सामाजिक न्याय कर रही है. इससे विपक्ष को तकलीफ हो रहा है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री बदलने की खबरें तेजी से चल रही थी, जिससे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली दरबार के कई चक्कर लगाए हैं. इतना ही नहीं बीते दिनों कांग्रेस विधायक और महापौरों का जत्था भी एक बार दिल्ली कूच कर चुका है. इन सबको लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ तौर पर कह दिया था कि पीएल पुनिया ने इस मसले पर साफ कर दिया है, वही फैसला आखिरी है.
इन सबके बीच टीएस सिंहदेव का दिल्ली दौरा भी खूब सुर्खियों में रहा. टीएस सिंहदेव के दिल्ली दौरा सुनते ही प्रदेश में सियासी आग की लपटें अपना रुख भयावह कर लेती थी, विपक्ष को फिर एक मौका मिल जाता था. फिर भी टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री बदलने की बात को लेकर कभी हामी नहीं भरी, वे कहते रहे कि जो आलाकमान कहेगा वही करेंगे. ढाई-ढाई साल की कोई बात नहीं हुई है.
अब कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के बयान ने विपक्ष के मुंह पर एक तरह से ताला जड़ दिया है. इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि जो मुख्यमंत्री बदलने की खबरें प्रदेश से लेकर देश में आग की तरह फैल रही थी, वह अब बुझने लगी है. इस बयान से कई नेताओं ने राहत की सांस ली है, क्योंकि प्रदेश में उठे सियासी बवंडर को सुरजेवाला ने बिना बोले बहुत कुछ पानी की तरह साफ कर दिया है. राजनीतिक कयासों के बीच एक बार फिर से मुख्यमंत्री बदलने पर विराम लगता दिख रहा है. अब आने वाला वक्त बताएगा कि इन बयानों के असल मायने क्या हैं ?.
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