रायपुर. होली के बाद पंचमी के दिन रंग खेलने की परंपरा है. यह रंग सामान्य रूप से सूखा गुलाल होता है. इस दिन विशेष भोजन बनाया जाता है, जिसमें पूरनपोली अवश्य होती है. इस दिन रंगों को जब एक दूसरे को लगाया जाता है और गुलाल को हवा में उड़ाया जाता है, जिससे देवी-देवता आकर्षित होते हैं. ऐसी मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन रंग के संग खेली जाने वाली रंगपंचमी बुरी शक्तियों की समाप्ति का प्रतीक है.

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रंग पंचमी पूजन विधि

रंग पंचमी में घर की पूर्व दिशा में लाल वस्त्र पर शिव परिवार का चित्र स्थापित करके पंचोपचार पूजन करें. चमेली के तेल का दीपक करें, गुग्गुल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर व लाल चंदन चढ़ाएं, अबीर, व गुलाल चढ़ाएं, गुड़ से बनी रेवड़ियों का भोग लगाएं व एक माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें. पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में वितरित करें.

पूजन मंत्र

ह्रीं हरित्याय नमः शिवाय ह्रीं ॥

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उपाय

शहद मिले दूध में छाया देखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं.

सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए नारियल पर सिंदूर छिड़क कर भगवान शंकर पर चढ़ाएं.

शारीरिक कष्टों से मुक्ति के लिए मसूर भरा तांबे का कलश शिवलिंग पर चढ़ाएं.