संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. वनकर्मियों पर हुए हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस बल पर ग्रामीणों ने सोमवार को पत्थरों से हमला कर दिया. इसमें एएसपी सीडी तिर्की के हाथ में चोट आई है. इसके बाद पुलिस बल ने थोड़ी सख्ती दिखाई और 6 पुरुष, 3 महिला आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी करने बड़ी संख्या में पुलिस बल अचानकमार टाइगर रिजर्व के निवासखार गई थी. निवासखार गांव के बैगा आदिवासियों पर रविवार को वन अमले की बंधक बनाकर पिटाई करने का आरोप लगा था. जिसके तहत 17 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है.
आरोपियों को गिरफ्तार करने एएसपी सीडी तिर्की एएसपी कमलेश्वर चंदेल डीएसपी मोनिका सिंह, एसडीओपी कादिर खान के साथ 50 से अधिक संख्या में पुलिस टीम गांव पहुंची थी. वहीं घटना के संबंध में बस चालक आरक्षक भोजराम डहरिया ने बताया कि जब ग्रामीणों ने पुलिस टीम की बस को दौड़ाया, उस समय बस में 40 पुलिस जवान सवार थे, जिनमें कुछ महिला स्टाफ भी शामिल हैं. जिसके बाद बस को चारों तरफ ग्रामीणों ने जमकर पथराव किया. जहां से चालक ने सूझबूझ से किसी तरह जंगल के रास्ते बस को खुड़िया की तरफ से लोरमी थाना परिसर लेकर आया. जिसमें पुलिस बस क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं इस बीच हुए इस घटना की पुष्टि लल्लूराम.कॉम नहीं करता, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी मोनिका सिंह परिहार को गांव की महिलाओं ने घेर लिया था. जिन्हें पुलिस टीम ने छुड़ाया.
घटना को लेकर एएसपी कमलेश्वर चंदेल ने बताया कि फारेस्ट की टीम पर हमला के बाद खुड़िया चौकी अंतर्गत गांव निवासखार के 17 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है, जिसमे 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान ग्रामीण आज के इस कार्रवाई का विरोध करने लगे. इस बीच एएसपी सीडी तिर्की के हाथ में ग्रामीणों को रोकते समय डंडे से मामूली चोट आई है.
कार्रवाई पर विधायक ने उठाए सवाल
इस पूरे मामले में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो उतनी बड़ी घटना नहीं थी. जितना फारेस्ट वालों ने बना दिया. ट्रेप कैमरे में आदिवासियों के केवल फोटो थे. वो भी शिकार खेलते हुए फोटो नहीं थे. इस घटना को लेकर जांच कार्रवाई लॉकडाउन के बाद भी की जा सकती थी. वैसे भी लॉकडाउन के चलते पूरे जंगल के लोग परेशान हैं. ऐसे में वन विभाग के लोगों द्वारा गांव में जाकर कार्रवाई करना गलत है. इस बीच फारेस्ट कर्मियों की तरफ से भी कोई ऐसी हरकत हुई होगी जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. और उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही अचानकमार का घायल तेंदुआ जिसका कानन पेंडारी में इलाज के दौरान मौत हुई थी, उसके लिए फारेस्ट के कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उसमें भी कार्रवाई होनी चाहिए.