अमित पांडेय, खैरागढ़। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है। बीते दिनों खैरागढ़ रियासत के राजाओं की समाधि स्थल की वर्षों से उपेक्षा की गई स्थिति को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने “राजसी शान जिंदा, पूर्वजों की समाधि लावारिस… खैरागढ़ राजपरिवार की निजी संपत्ति पर शर्मनाक उपेक्षा उजागर” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद लंबे समय से खंडहर जैसी हालत में पड़े इस ऐतिहासिक स्थल को अब नया जीवन देने की पहल शुरू हो चुकी है।

बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद न केवल स्थानीय लोगों में इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हुई, बल्कि रियासत के राजपरिवार ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार और संवेदनशील प्रतिक्रिया दी। रानी विभा देवव्रत सिंह ने खुद सामने आकर इस ऐतिहासिक स्थल के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी ली है।
रानी विभा देवव्रत सिंह ने साफ कहा कि अब उनके पूर्वजों की स्मृतियों से जुड़े स्थल लावारिस नहीं रहेंगे। उन्होंने बताया कि ये समाधियां केवल पत्थर की संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि खैरागढ़ के इतिहास, संस्कृति और गौरवशाली परंपरा की पहचान हैं, जिनका संरक्षण करना राजपरिवार की जिम्मेदारी है।
समाधि स्थल में खैरागढ़ रियासत के राजा उमराव सिंह, कमलनारायण सिंह, लाल बहादुर सिंह, रानियां मुग्धकुंवर सिंह, चैतन्य कुमारी साहिबा, द्रुपद कुमारी देवी, बृजकुमारी देवी, तथा राजपरिवार के अन्य सदस्य बलदेव सिंह, शेर सिंह, राजकुमार विक्रम बहादुर सिंह और राजकुमार शत्रुशाल बहादुर सिंह की समाधियां स्थित हैं। इन विभूतियों का क्षेत्र के सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास में विशेष योगदान रहा है।

रानी विभा देवव्रत सिंह ने बताया कि सुधार कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में झाड़ियों और कचरे की सफाई की जा रही है। इसके बाद जर्जर ढांचे की मरम्मत, रंगाई-पुताई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। टूटी-फूटी चारदीवारी को भी नए सिरे से ठीक कराया जाएगा, ताकि परिसर सुरक्षित और व्यवस्थित दिखाई दे। हर समाधि के पास संबंधित राजा-रानी और उनके योगदान की जानकारी देने वाली सूचनात्मक पट्टियां भी लगाई जाएंगी।

इस पूरे मामले में रानी विभा देवव्रत सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर सार्वजनिक रूप से खेद जताया। उन्होंने माना कि राजाओं के जाने के बाद से समाधि स्थल का नियमित रखरखाव नहीं हो पाया, जो एक बड़ी चूक थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब नियमित साफ-सफाई के लिए स्थायी व्यवस्था की जाएगी और भविष्य में ऐसी उपेक्षा दोबारा नहीं होगी। साथ ही, उन्होंने मीडिया और पत्रकारों का भी आभार जताया, जिन्होंने यह मुद्दा सामने लाया।

स्थानीय लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से उपेक्षित और अघोषित सार्वजनिक शौचालय जैसी स्थिति में पड़े इस स्थल को अब फिर से सम्मान और गरिमा की ओर लौटाया जा रहा है।
कुल मिलाकर यह मामला दर्शाता है कि जब जनहित से जुड़े मुद्दे जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ उठाए जाते हैं, तो उसका असर जमीन पर दिखाई देता है। रानी विभा देवव्रत सिंह की पहल और मीडिया के समर्थन से खैरागढ़ रियासत की यह ऐतिहासिक समाधि स्थल अब अपने पुराने गौरव के साथ लोगों के सामने लौटने की उम्मीद जगाती है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H


