हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पूर्व मंत्री राव नरेंद्र की नियुक्ति होने के साथ ही विवाद खड़ा हो गया है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने मंगलवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में राव नरेंद्र की वह सीडी दिखाई, जिसमें राव नरेंद्र किसी व्यक्ति से 30 एकड़ जमीन की सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) का सौदा करने संबंधी बातचीत कर रहे हैं। रामपाल माजरा ने पत्रकारों को सीडी दिखाने के साथ-साथ उसमें हुई बातचीत का ब्योरा भी लिखित में उपलब्ध कराया।
यह सीडी कांड साल 2013 का है, जब इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कांग्रेस के तत्कालीन पांच विधायकों राव नरेंद्र, विनोद भ्याना, नरेश सेलवाल, जरनैल सिंह और रामनिवास घोड़ेला की सीडी जारी की थी, जिनमें इन सभी पर सीएलयू के बदले पैसे मांगने के आरोप थे। लोकायुक्त ने पांचों तत्कालीन विधायकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसी बीच में पूर्व मंत्री संपत सिंह ने दावा किया कि ‘सरकार चोरी’ करने वाले को ही फिर से पार्टी सौंप दी गई. उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस निर्णय से पार्टी के कार्यकर्ता निराश हैं और पार्टी जनता में भी विश्वास खो रही है.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने 29 सितंबर को राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया था, जिसके बाद पार्टी के अंदर ही कांग्रेस को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
एक साल बाद की थी नियुक्ति
हरियाणा में लंबे समय से गुटबाजी का सामना कर रही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में हार के करीब एक साल बाद ये नियुक्तियां की थीं. बताया जा रहा है कि राव नरेन्द्र सिंह पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी हैं, जिसकी वजह से उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.
नुकसान पहुंचाने वाले को सौंपी गई पार्टी
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के विरोधी माने जाने वाले संपत सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि स्वर्गीय चौधरी भजन लाल के नेतृत्व में 2005 में 67 सीटें आने के बाद लगातार पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले को फिर से पार्टी सौंप दी गई है. उन्होंने पार्टी से सवाल किया कि एक साल के मंथन के बाद क्या यही बदलाव है? युवाओं को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? सरकार चोरी का जिम्मेदार ही अब पार्टी का झंडा बुलंद करेगा? उन्होंने दावा किया कि इस नुकसान की भरपाई करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि पार्टी के इस निर्णय से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता निराश हैं और पार्टी जनता में विश्वास खो रही है.
वरिष्ठ नेता ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले, राव नरेंद्र की नियुक्ति के कुछ देर बाद ही पार्टी के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा था कि पार्टी को राज्य में अपने ‘गिरते ग्राफ’ पर आत्ममंथन करने की जरूरत है. यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा था कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लगातार गिरते ग्राफ को देखते हुए आज लिए गए निर्णय पर पार्टी को आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता है. राहुल गांधी जी की इच्छा थी कि हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जिसकी छवि पूरी तरह साफ-सुथरी, बेदाग और युवा नेतृत्व की पहचान रखने वाली हो. लेकिन आज का निर्णय इसके ठीक उलट दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस निर्णय से पार्टी कार्यकर्ताओं और कैडर का मनोबल बिलकुल गिर गया है.
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