बंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री गणेश नाइक को गिरफ्तारी से पहले जमानत (प्री-अरेस्ट बेल) दे दी, जिन पर दुष्कर्म, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी का आरोप है. वर्तमान में ऐरोली से विधायक, 71 वर्षीय नाइक, ठाणे के नवी मुंबई क्षेत्र में एक अनुभवी और मजबूत राजनीतिक सख्शियत हैं और भाजपा में जाने से पहले वह शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं.
नाइक पर 47 वर्षीय महिला द्वारा धमकी और शादी के वादे के तहत लिव-इन रिलेशनशिप का आरोप लगाया गया है. आरोप लगाया गया है कि बाद में महिला को नाइक से एक बेटा भी हुआ. हालांकि, चार साल पहले, उसने उसे और उनके बेटे को छोड़ दिया. मीडिया साक्षात्कारों में महिला ने यह भी दावा किया है कि नाइक ने अपनी रिवॉल्वर से उसे धमकाया था, लेकिन आखिरकार उसने हिम्मत जुटाई और अपने बेटे के पितृत्व मुद्दे सहित 1993-2017 तक उनके संबंधों की बात सार्वजनिक करने का फैसला किया.
अपने खिलाफ दायर दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए, न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि प्रथम ²ष्टया, आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला बनता दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि उनका रिश्ता सहमति से बना था. अदालत ने कहा कि हिरासत में पूछताछ का कोई मामला नहीं बनता और जमानत की याचिका सिर्फ इसलिए खारिज नहीं की जा सकती है, क्योंकि आवेदक (आरोपी) विधायक है.
नाइक को एक महीने के भीतर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर सौंपने का भी आदेश दिया गया है और गिरफ्तारी की स्थिति में, पुलिस उन्हें प्रत्येक मामले में 25,000 रुपये की जमानत पर रिहा करेगी.
पिछले कुछ हफ्तों से मीडिया से इस बारे में कोई बात नहीं करने वाले नाइक ने महिला द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का जोरदार खंडन किया है.