लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के लिए हर रोज कोई न कोई मुसीबत खड़ी हो जा रही है. ताजा मामले में राज्य की भाजपा सरकार विरोधियों के सीधे निशाने पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए डैमेज कंट्रोल बेहद मुश्किल हो गया है.
दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीएम आवास पर दोपहर को एक युवती अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश करती है. लखनऊ के बेहद सुरक्षित व हाई सिक्योरिटी जोन में हुई घटना से पूरा प्रशासन सकते में आ जाता है. आनन-फानन में पुलिस युवती को सुरक्षित बचाती है औऱ थाने ले जाती है. युवती ने कहा कि लखनऊ से सटे उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ रेप किया है.
कुलदीप सेंगर सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी विधायकों में हैं. खास बात ये है कि उन्होंने ठीक विधानसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और उनको भाजपा ने तुरंत बांगरमऊ विधानसभा से भाजपा का टिकट दे दिया. सेंगर लंबे समय से विधायक हैं औऱ उनकी दबंगई के कई किस्से मशहूर हैं.
उधर, किशोरी के आत्मदाह करने के प्रयास के बाद राज्य के एडीजी राजीव कृष्णा ने कहा कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे जबकि विधायक कुलदीप सेंगर ने कहा कि ये उनके राजनीतिक विरोधियों की चाल है.
ताजा घटनाक्रम में उन्नाव जिले के माखी थाना की पुलिस ने जहां की युवती रहने वाली है. युवती के पिता को थाने उठा लाई औऱ उसे इतना टार्चर किया कि पीड़िता के पिता की थाने में मौत हो गई. इस हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस के आला-अफसरों के निर्देश पर माखी थाने के एसओ समेत पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को अपने कार्यालय तलब किया औऱ मीडिया को जारी बयान में कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उधर, सीएम की सख्ती के बाद पुलिस ने विधायक के चार करीबी साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. लखनऊ के एडीजी इस मामले की जांच कर रहे हैं.
घटना के बाद विरोधियों ने भाजपा सरकार को निशाने पर ले लिया है. बताया जा रहा है कि भाजपा की टाप लीडरशिप इस घटना से खुश नहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी औऱ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीएम आदित्यनाथ से ऐसी घटनाओँ पर नाखुशी जाहिर करते हुए इनपर लगाम लगाने को कहा. वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर बेहद अक्रामक हो गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष औऱ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि एक मजबूर महिला को अपनी इज्जत गंवाने के बाद आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ता है. उसे अपने पिता को भी खोना पड़ जाता है. इससे बदतर हालात महिलाओं के लिए क्या होंगे.
इस घटना के बाद से जहां उत्तर प्रदेश की राजनीति में तूफान आ गया है वहीं भाजपा सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. विपक्ष सरकार को इस बार कतई छोड़ने के मूड में नहीं लग रहा है. देखना है कि सरकार को इसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.